बिहार के छपरा जिले के मांझी प्रखंड के पूर्वी पंचायत के वार्ड नंबर दस में एक सप्ताह से नलजल योजना का क्रियान्वयन नहीं हो रहा है. स्टार्टर शार्ट सर्किट के कारण खराब हो गयी है. जिसके कारण लोगों के घरों में पानी सप्लाई बाधित हो गया है. यह स्थिति एक सप्ताह से बनी हुई है. ग्रामीणों की शिकायत पर ना तो संवेदक ही घ्यान दे रहा है ना ही कोई अधिकारी.
जिस कारण एक सप्ताह से लोगों को पानी नही मिल पा रहा है. शुद्ध पेयजल आपूर्ति के लिए सरकार की मुहिम को झटका लग रहा है. मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना का आकार धरातल पर सफल नहीं हो रहा है. सरकार द्वारा लाखों की राशि खर्च करने के बाद भी योजना सफल संचालन के अभाव में लोगों के लिए लाभकारी नहीं हो पा रही है. जिस कारण नल जल योजना से लोग लाभान्वित नहीं हो पा रहे हैं. गांव में पीएचइडी विभाग के द्वारा निर्मित नल जल योजना का बहुत ही खराब हाल है. कभी पाइप में लिकेज तो कभी स्टार्टर जलने से पानी आपूर्ति ठप यहां के दिनचर्या में शामिल हो गया है.
प्रखंड के पूर्वी पंचायत के दस नंबर वार्ड में लगभग आठ माह से सात निश्चय योजना के तहत नलजल का कार्य किया गया. सरकारी प्रावधानों के अनुसार यह कार्य वार्ड क्रियान्वयन समिति की बदौलत पीएचइडी विभाग को सौंपा गया. पहले तो कार्य कराने में एजेंसी को ज्यादा समय लग गया. जब कार्य लेट लतीफ संपन्न हुआ तो सिस्टम की गड़बड़ी के कारण पानी सप्लाई बंद हो गया. जिस कारण लोगों को स्वच्छ पानी देने की योजना धरातल पर दम तोड़ रही है. यह स्थिति तब उत्पन्न हो गई है जब लोगों को पीने के पानी की आवश्यकता है.
सिस्टम का दोष कहा जाये या पदाधिकारियों की ढुलमुल रवैया. जिसका खमियाजा आमलोग भुगत रहे हैं. गांव के लगभग 80 घरों में नल का जल पहुंचाने के लिए कनेक्शन किया गया. इन जगहों पर तकरीबन डेढ़ सौ से अधिक टोटी लगाई गई. इस जलापूर्ति योजना से किसी तरह पानी सप्लाई हुई. तब लोगों को लगा कि अब शुद्ध पानी पीने को मिलेगा. लेकिन चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात वाली कहावत चरितार्थ हो गई. अब इस नलजल योजना की टंकी से पानी सप्लाई बाधित है. यह स्थिति कई दिनों से बनी हुई है. लेकिन कोई इस तरफ ध्यान नहीं दे रहा है.
Posted by: Avinish kumar mishra