साक्ष्य मिटाने व मामलों में लीपापोती करने का विपक्ष लगा रहा आरोप
लखीसराय. शिक्षा विभाग में व्यापक भ्रष्टाचार को लेकर विपक्षी दलों के आंदोलन के बीच जिला प्रशासन की पहल पर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना शिक्षा विभाग संजय कुमार ने लखीसराय थाना में तीन प्राथमिकी (कांड संख्या. 184/25, 192/25 और 193/25) दर्ज करायी है. जिसके 15 दिन बाद भी पुलिस न तो भ्रष्टाचारियों को गिरफ्तार कर पायी है और न ही शिक्षा विभाग से गायब संचिका बरामद कर पायी है. विपक्ष का आरोप है कि कानून का हाथ स्वतंत्र नहीं रहा, क्योंकि सत्ता पक्ष द्वारा इस पर दबाव बना रखा गया है, नामित अभियुक्त अभी भी सरकारी ड्यूटी पर हैं. कुछ शिक्षा कार्यालय, थाना पुलिस और समाहरणालय में केस मैनेज करने में लगे हैं. साक्ष्य मिटाने में शिक्षा कार्यालय से सैकड़ों संचिकाओं में से लगभग 56 संचिकाएं गायब हैं, जो हिमांशु नाम से खुली थीं. अनुमोदित सूची बरामद हुई, लेकिन संचिका अब तक गायब है. इसे लेकर भाकपा नेता सह अधिवक्ता सह जिला महागठबंधन समन्वय समिति के सदस्य रजनीश कुमार ने पुलिस पर शिक्षा माफियाओं के पक्ष में काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि अभियुक्तों की गिरफ्तारी, गायब संचिका की बरामदगी और साक्ष्य के तौर पर संचिका को जब्त न करना, संचिका में छेड़छाड़ की छूट देना और घटनास्थल का स्वरुप बदलना पुलिस संरक्षण के बिना संभव नहीं है. भाकपा नेता ने आरोप लगाया कि पुलिस घोटाले को रफा-दफा करने का प्रयास कर रही है. आधा दर्जन प्राचार्यों के जाली हस्ताक्षर और मोहर से संवेदक और अभियंता ने फर्जी विपत्र और संचिका तैयार की गयी, लेकिन पुलिस ने शिकायत दर्ज करने के बजाय उन्हीं प्राचार्यों पर मुकदमा कर दिया, ताकि वे दबाव में रहें. रजनीश कुमार ने कहा कि जिला प्रशासन की कार्यशैली और घोटाले की जांच में अनियमितता के विरोध में महागठबंधन तीव्र आंदोलन करेगा. उन्होंने जांच टीम पर आरोपित संवेदकों से वसूली का भी आरोप लगाया है और कहा कि जरुरत पड़ने पर साक्ष्य सार्वजनिक किये जायेंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है