चानन. कभी लोगों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने वाला स्वास्थ्य उपकेंद्र बन्नूबगीचा आज स्वयं अपनी इलाज के लिए तरस रहा है व जीर्णोद्धार का बाट जोह रहा है. बताते चलें कि 30 साल पूर्व यहां के पूर्व मुखिया स्व बलदेव यादव द्वारा अपना निजी जमीन पांच कट्ठा देकर अस्पताल का नींव रखी थी और उस समय के प्रखंड प्रमुख यदुवंश प्रसाद सिंह द्वारा प्रयास करने के बाद स्वास्थ्य उपकेंद्र बनाया गया था. जब यह बनकर तैयार हुआ तो कई कर्मी इसमें काम करते थे और आसपास के लोगों को काफी सहूलियत मिलती थी, लेकिन आज इसका अस्तित्व मिट गया है. यह स्वास्थ्य उपकेंद्र बंशीपुर डाउन प्लेटफॉर्म के दो सौ मीटर की दूरी पर बना हुआ था. उस समय बन्नू बगीचा पंचायत हुआ करता था. पंचायत का सीमांकन होने के बाद यह खुटुकपार पंचायत चला गया. जब तक यह ठीक-ठाक था तो इसमें स्वास्थ्य कर्मी यहां आकर बीमार मरीजों को इलाज करते थे, लेकिन विभागीय रखरखाव ठीक नहीं रहने के कारण यह अस्पताल अपना अस्तित्व को खो दिया है और जीर्णशीर्ण में अवस्था में पड़ा है. स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण इसमें लगा दरवाजा खिड़की सभी उखाड़ के असामाजिक तत्व के लोग लेकर चले गये, यह स्वास्थ्य उपकेंद्र आज भी पेपर के पन्नों पर जीवित है. यहां के स्वास्थ्य कर्मी बन्नू बगीचा में टीकाकरण के लिए बनाये गये कमरे में शिफ्ट होकर वहीं से बीमार मरीजों को इलाज कर रहे हैं. जिस समय अस्पताल में चालू की स्थिति में था तो सैकड़ों लोगों को इलाज किया जाता था. आज यह खुद यह बीमार पड़ा हुआ है. इसे देखने वाला कोई नहीं. ग्रामीण गणेश राम, रौशन कुमार, बालेश्वर यादव, युवा नेता विक्की कुमार, योगेंद्र शर्मा, सुधीर यादव सहित अन्य लोगों ने बताया कि अगर इसे पुनः नये सिरे से बना दिया जाय तो सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण अपना इलाज यहां आकर करवा सकते हैं. जब से यह हॉस्पिटल बंद हुआ है तो ग्रामीणों को अपना इलाज करने के लिए लखीसराय जाना पड़ता है. जो रोज दिन मजदूरी करने वाले के लिए संभव नहीं है. लोग ग्रामीण क्षेत्र के डॉक्टर के पास जा कर अपना तथा परिजनों का इलाज कराने को मजबूर है. इस संबंध में खुटुकपार पंचायत के मुखिया मीना देवी बताती हैं कि अस्पताल के लिए मोहन कुंडी में दो कट्ठा जमीन उपलब्ध करा दिया गया है और बहुत जल्द बनाकर तैयार हो जायेगा. इसके लिए संबंधित विभाग को सारा दस्तावेज भेज दिया जा चुका है. जमीन का स्थलीय जांच भी विभाग द्वारा की गयी. वहीं गोहरी पंचायत के मुखिया रविचंद्र भूषण ने बताया कि इसे फिर से नये सिरे से निर्माण को लेकर पूर्व के डीएम अमरेंद्र कुमार को सारा दस्तावेज दिया गया था.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है