टीबी मुक्त पंचायत के लिए मध्य व उच्च विद्यालयों में चलाया जा रहा जागरूकता अभियान
लखीसराय. हम अगर किसी बीमारी के बारे में जागरूक नहीं रहते हैं तो उस बीमारी का इलाज एवं बचाव हम ठीक ढंग से नहीं कर पाते हैं. साथ ही जाने अनजाने में वो बीमारी हमारे लिये खतरनाक साबित हो जाती है. इसलिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लखीसराय अंतर्गत सभी मध्य व उच्च विद्यालयों में टीबी कोई लाइलाज बीमारी नहीं है, बस इसका समय पर इलाज है जरूरी जैसे संदेश के साथ जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. प्राथमिक केंद्र के प्रभारी सुरेश कुणाल ने कहा कि बच्चों को इस संक्रमण वाली बीमारी के बारे में जागरूक करने का मात्र उदेश्य है की वो भली-भांति इसके बारे में जानें एवं जागरूक रहकर अपने घर वालों को भी जागरूक कर सकें. उन्होंने बताया कि इस अभियान का सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि बच्चों के साथ जब उसके घरवाले जागरूक रहेंगे तो पूरा समुदाय टीबी जैसी बीमारी से जागरूक होगा, तो हम टीबी मुक्त पंचायत बनाने के संकल्प को आसनी से पूरा कर सकेंगे.वहीं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के स्वास्थ्य प्रबंधक निशांत राज ने कहा कि सरकार के महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक टीबी उन्मूलन अभियान है. जिससे राज्य के पूरे समुदाय को वर्ष 2025 तक टीबी-मुक्त बनाने का संकल्प लिया गया है. इस कारण ही ये अभियान चलाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि यह बीमारी आमतौर पर फेफड़ों को प्रभावित करता है, लेकिन कोई भी अंग इससे प्रभावित हो सकता है. ट्यूबरक्लोसिस मुख्य रूप से तब फैलता है, जब लोग एक ऐसे व्यक्ति द्वारा दूषित हवा में सांस लेते हैं जिसे सक्रिय बीमारी है.
ये लक्षण दिखे तो करायें टीबी जांच
दो सप्ताह या इससे अधिक समय से खांसी रहना
छाती में दर्द व कफ में खून आनाकमजोरी व थका हुआ महसूस करना
वजन का तेजी से कम होनाभूख नहीं लगना, ठंड लगना
बुखार का रहना, रात को पसीना आनाडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है