लखीसराय : ज्योति पर्व दीपावली की गिनती मुख्य पर्व के रूप में होती है. लोग हर्षोल्लास पूर्वक हर साल दीपावली मनाते हैं. इस पर्व में बच्चे हों या बुजुर्ग सभी शरीक होते हैं. इस वर्ष 10 नवंबर को दीपोत्सव की शुरुआत छोटी दीपावली से होगी.
छोटी दीपावली में संध्याकाल के बाद यमदीप जलाने की अति प्राचीन परंपरा रही है. मान्यता के अनुसार यमदीप जलाने से यम राजा प्रसन्न होते हैं और वे सभी दु:खों का हरण कर लेते हैं. यम का अर्थ भय भी होता है. हर तरह के भय से यम मुक्त कर देते हैं और शरीर निरोग कर देते हैं. इस पर्व में दरिद्रता का नाश कर लक्ष्मी का प्रवेश होता है.
उसके अगले दिन बुधवार 11 नवंबर को दीपावली है. इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा होगी. पंडित अजय कुमार ठाकुर के मुताबिक मंगलवार को रात्रि 8:34 बजे से अमावस्या शुरू हो जायेगी व यह बुधवार रात्रि 10:30 बजे तक रहेगी. लोग अपनी-अपनी राशि के अनुसार पूजा कर सकते हैं. लोग गंदगी को अपने घर से बाहर फेंक कर दरिद्रा भगायेंगे.
इधर दीपावली को लेकर घरों में खास कर महिलाएं तैयारी में जुटी हैं. घरों में रोशनी के लिए बाजार से दीयों की खरीदारी की जा रही है. शहर के विभिन्न चौक चौराहों पर दीया की बिक्री भी शुरू हो गयी है. कुम्हार मिट्टी के दीपों की स्टाॅक बढ़ाने में जुट गये हैं. 09 नवंबर को धनतेरस के बाद 10 नवंबर को छोटी दीपावली व 11 नवंबर को देश भर में रोशनी का पर्व दीपावली धूमधाम से मनायी जायेगी. इस संबंध में दीया विक्रेता राजू पंडित ने बताया कि दीपावली को लेकर एक माह पहले से तैयारी प्रारंभ कर दी थी.
अब मात्र छह-सात दिन ही शेष रह गये हैं तो दीया वगैरह की दुकान सजा ली गयी है. इसमें छोटे, मिडियम व बड़े सभी आकार के दीये, मिट्टी के खिलौने, कलश, ठकना आदि बिक्री के लिए उपलब्ध है. हालांकि अभी ग्राहक कम आ रहे हैं लेकिन एक-दो दिन में ग्राहकों की संख्या में बढ़ोत्तरी की संभावना है.