लखीसराय: ईद को लेकर बाजार में काफी चहल-पहल है. बारिश के बावजूद दुकानों पर खरीदारों की आवाजाही बनी हुई है. कपड़े, इत्र, सेवई व गिफ्ट की दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ देखी जा रही है. फुटपाथों पर दुकानों के सजने से बाजार में चहल-पहल बनी हुई है. बाजार में हर उम्र के लोगों की पसंद का ख्याल रखा गया है.
कपड़े की छोटी-बड़ी लगभग एक सौ दुकानें हैं. इन दुकानों में प्रतिदिन पांच से 50 हजार तक का कारोबार हो रहा है. ईद के मौके पर कुल दो करोड़ रुपये का कपड़े का कारोबार होने का अनुमान है. लोगों के मुताबिक पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष समानों की कीमत में 15 से 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इसके बावजूद लोगों में खरीदारी को लेकर काफी उत्साह है.
जूता- चप्पल व श्रृंगार प्रसाधन का 50 लाख का कारोबार. ईद के मौके पर जूता-चप्पल व श्रृंगार प्रसाधनों की भी खूब बिक्री होती है. श्रृंगार प्रसाधन दुकानदार राकेश, संजीव आदि के मुताबिक ईद में कुल 27 लाख का कारोबार होने की संभावना है. इसमें चूड़ी, बाला, आर्टिफिशियल झुमका, चाइना हार सेट, नेल पॉलिस, लिपस्टिक आदि की खरीदारी हो रही है. वहीं जूता-चप्पल व्यवसायी मो फिरदौस के मुताबिक उनके यहां सभी रेंज के जूता-चप्पल उपलब्ध हैं. फैंसी जूता विशेष तौर पर मंगाया गया है. लोग सौ रुपये से एक हजार रुपये तक के जूते-चप्पल की खरीदारी कर रहे हैं. कुल 23 लाख रुपये से अधिक के जूता-चप्पल का कारोबार होने का अनुमान है. ब्रांडेड जूता ढ़ाई से चार हजार रुपये तक की रेंज में उपलब्ध है.
अलविदा नमाज आज
लखीसराय. शुक्रवार को रमजान की अलविदा नमाज है. इसके लिए मसजिदों में तैयारी पूरी कर ली गयी है. जिले भर में मसजिदों में अलविदा की नमाज पढ़ने की व्यवस्था की गयी है. नमाज पढ़ने के लिए रोजेदारों को परेशानी न हो इसका विशेष ख्याल रखा गया है. मसजिदों में सफाई व रंग-रोगन का कार्य पूरा कर लिया गया है. ईद से पूर्व रमजान की समाप्ति पर मसजिदों में अलविदा नमाज पढ़ी जाती है. चलने में असमर्थ व बीमार लोग भी मसजिद आकर अलविदा की नमाज पढ़ते हैं. जिले के विभिन्न मसजिदों में अलविदा नमाज की तैयारी है.
पठानी सूट व बजरंगी भाईजान कुरता का क्रेज
इस बार ईद में पठानी सूट व बजरंगी भाईजान कुरता का क्रेज बना हुआ है. व्यवसायियों के मुताबिक प्रतिवर्ष ईद के मौके पर सलमान खान स्टाइल का क्रेज होता है. इस बार बजरंगी भाईजान कुरता काफी चल रहा है. युवा इसे काफी पसंद कर रहे हैं. वहीं बैलून पायजामा-कुरता बच्चों व बड़े दोनों की पसंद बनी हुई है. बच्चे शेरवानी अधिक पसंद कर रहे हैं जबकि लखनवी चिकन स्टोन वर्क कुरता युवाओं की पसंद बना हुआ है. अफगानी व तुर्की टोपी का क्रेज है. महिलाएं कॉटन साड़ी, सिफोन में वर्क साड़ी, जाज्रेट वर्क साड़ी, हैंडलूम साड़ी पसंद कर रही है. ये साड़ियां ढ़ाई सौ से ढ़ाई हजार तक की रेंज में उपलब्ध है.
सेवइयां का 14 लाख का कारोबार
सेवई का कारोबारी मो कलीम के मुताबिक ईद में 14 लाख तक का सेवई का कारोबार होता है. कोलकाता का लच्छा सौ से 130 रुपये प्रति किग्रा व बनारस का लच्छा सौ से 120 रुपये प्रति किग्रा तक बिक रहा है. एक दुकान से पांच हजार से 40 हजार तक का सेवई बिकता है. जिले भर में 50 से अधिक सेवई की दुकान उपलब्ध है. वहीं इत्र का कारोबार करने वाले साहीम बताते हैं कि जिले भर में ईद के मौके पर दो लाख से अधिक का इत्र बिकता है. एक इत्र दुकानदार हर रोज तीन से चार हजार रुपये का इत्र बेच लेता है. बाजार में इत्र 10 से 70 रुपये तक में उपलब्ध है. लोकमान के मुताबिक कई प्रकार के इत्र बाजार में उपलब्ध है.