नेपाल क्षेत्र में भारी बारिश के कारण प्रखंड क्षेत्र की नदियों में जल स्तर काफी बढ़ गया है जिससे मक्के की फसल भी प्रभावित होरही है. नेपाल के तराई क्षेत्रों में भारी बारिश के चलते शुक्रवार देर रात प्रखंड के पूर्वी व पश्चिमी छोर से बहने वाली बूढ़ी कनकई व कनकई नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया.जिससे पलसा घाट, बिहारटोला, भुरलीभिट्ठा और पांचगाछी,डोरिया समेत दर्जनों गांवों के खेतों में पानी घुस गया, जिससे लाखों रुपये की मक्के की फसल बर्बाद हो गई.पलसा घाट के प्रभावित किसान अरुण दास, इस्माईल, प्रकाश सोरेन, देनिरव सोरेन, सम्भू सोरेन और नरेश मुर्मू ने बताया कि सुबह लगभग 4 बजे उन्हें जानकारी मिली कि नदी का पानी खेतों में घुस चुका है. सभी किसान अपने परिवार के साथ खेतों की ओर दौड़े. कुछ ने मक्के की बालियां किसी तरह उठा लीं, लेकिन अधिकांश फसल तेज बहाव में बह गई. मो इस्माइल बताते हैं, हमने मेहनत से फसल तैयार की थी, लेकिन रातोंरात सब कुछ बर्बाद हो गया.
चचरी पुल बहा, आवाजाही ठप
तेज बहाव के चलते पलसा घाट पर बना चचरी पुल भी बह गया, जिससे ग्रामीणों की आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई है. स्थानीय लोगों के अनुसार यह पुल आसपास के कई गांवों को जोड़ने वाला प्रमुख रास्ता था.प्रशासन की कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलते ही दिघलबैंक अंचलाधिकारी गरिमा गीतिका और राजस्व अधिकारी मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया. सीओ गरिमा गीतिका ने ग्रामीणों से अपील की कि वे नदी किनारे मक्के को न सुखाएं और बच्चों को नदी से दूर रखें, ताकि किसी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सके. ग्रामीणों ने प्रशासन से फसल क्षति का मुआवजा देने की मांग की है और जल्द से जल्द चचरी पुल के पुनर्निर्माण की अपील की है. गौरतलब है कि मॉनसून की आमद से पहले ही कनकई, बूढ़ी कनकई और मेची नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है, जो इस बार समय से पहले बाढ़ जैसे हालात की चेतावनी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है