किशनगंज : इंडो-नेपाल सीमा से सटे गावों में इन दिनों एक कहावत खूब प्रचलित हो चली है. लोगों की जुबां पर शराब बंद है बिहार में कुछ पल तो गुजारिए नेपाल और बंगाल में कहते सुना जा सकता है. यह हकीकत भी है. शराब के शौकीन पुलिस और उत्पाद विभाग की आंखों में धूल झोंक कर न केवल नशे में चूर हो रहे हैं, बल्कि एक प्रकार से खुली चुनौती भी दे रहे हैं.
अगर आंकड़ों पर गौर किया जाये तो अब तक करीब तीन सौ से ऊपर लोग शराब पीने और बिक्री करने के आरोप में पकड़े गये हैं. आए दिन ऐसे लोग पकड़े जा रहे हैं, जो अपने-अपने घरों से दूर कहीं और जगह जाकर शराब का सेवन कर रहे हैं. पाठामारी, गलगलिया और सुखानी क्षेत्र के बार्डर पार कर शराब पीने वाले की भी लंबी फेहरिस्त है. किशनगंज, ठाकुरगंज, बहादुरगंज, टेढ़ागाछ, पोठिया और ठाकुरगंज के शौकीन नेपाल और बंगाल जाने से परहेज नही कर रहे.
ऐसे में शराबबंदी अभियान को लेकर पुलिस और विभागीय अधिकारियों के द्वारा लगातार हो रही कार्रवाई संदेहों के घेरे में है. उत्पाद विभाग के आंकड़ों के अनुसार डेढ़ माह के अंदर कुल तीन सौ लोग शराब पीने के आरोप में पकड़े गये हैं. इससे साफ हो जाता है कि शराब का सेवन करने वाले अपनी कारगुजारी से बाज नही आ रहे. बहरहाल जिले के ग्रामीण इलाकों के अलावा, पड़ोसी राज्य बंगाल और नेपाल में जाकर जाम छलकाने वालों पर ठोस कार्रवाई कब की जाएगी इस इंतजार में.