17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

ग्रामीण क्षेत्रों में मांग ज्यादा, नकदी कम

नोटबंदी. किशनगंज में बैंक व एटीएम में लग रही खाताधारियों की लंबी कतार बैंक व एटीएम में लगी ग्राहकों की कतार. एसबीआइ शाखा कादोगांव के बाहर लोगों की लंबी लाइन, एचडीएफसी बैंक के बाहर लगी लंबी कतार नोटबंदी के बाद अब जिले में स्थिति सामान होने लगी है. हालांकि एटीएम में अब भी कतार लगी […]

नोटबंदी. किशनगंज में बैंक व एटीएम में लग रही खाताधारियों की लंबी कतार

बैंक व एटीएम में लगी ग्राहकों की कतार.
एसबीआइ शाखा कादोगांव के बाहर लोगों की लंबी लाइन, एचडीएफसी बैंक के बाहर लगी लंबी कतार नोटबंदी के बाद अब जिले में स्थिति सामान होने लगी है. हालांकि एटीएम में अब भी कतार लगी रहती है. लेकिन बैंक शाखा में भीड़ पहले से कम हो गयी है.
किशनगंज : बैंकों में गुरुवार को पहले की अपेक्षा कम भीड़ देखी गयी. लेकिन एटीएम के बाहर लंबी लाइन देखने को मिला. एटीएम के बाहर सुबह से ही कई स्थानों पर कतारें लगी रहीं. बैंक खुलने के साथ ही सुबह से ही कतारों में लगे लोगों में भीतर प्रवेश करने को ले कुछ देर के लिए अफरा-तफरी मच गयी. बैंकों में जमा करने वाले से कई गुणा अधिक कैश निकालने वाले कतार में रहे. जिला मुख्यालय के एटीएम केंद्रों पर लोगों की भीड़ लगी रही.
500-1000 रुपये के नोट बंद करने के एेतिहासिक फैसले के पक्ष व विपक्ष दोनों तरह की प्रतिक्रियाओं के बीच जिले के 16 लाख 90984 (1911 के जनगणना के मुताबिक) की आबादी भविष्य में आर्थिकी को लेकर कई विरोधाभासों व अनुमानों के चलते सशंकित है. क्योंकि दिनचर्या में व्यावहारिक दिक्कतों से लेकर बैंकिंग प्रणाली और रोजमर्रा की जरूरतों के इर्द-गिर्द घूम रहे भारत-नेपाल व बंगालादेश के सीमा पर अवस्थित किशनगंज जिले के लोग भले ही काला धन से जुड़े इसे फैसले को सराहा. लेकिन घरेलू अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव को भी देखा जा रहा है.
ग्रामीण क्षेत्रों में मांग ज्यादा, नकदी कम : कोचाधामन प्रतिनिधि के अनुसार, अब जमीन जोतने व गेहूं व दलहन की खेती छोड़ लोग बैंकों, डाकघरों व एटीएम केंद्रों के चक्कर लगाने को विवश है. ग्रामीण क्षेत्र के बैंक पैसा तो जमा कर रहे है लेकिन निकासी के नाम पर 1000 और 2000 ही बदल रहे है.
ग्रामीण क्षेत्र में पैसा कम मिलने से लोग 40 से 60 किमी का सफर करके शहरों में राष्ट्रीयकृत बैंकों मं आना पड़ रहा है. हालांकि शहरी बैंकों में अब 4500 रूपये दिया जा रहा है. जबकि घरों में पड़ी पुरानी राशि भी किसी तरह की मदद नहीं देने वाली. उधर ठाकुरगंज प्रतिनिधि के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र के बैंकों में लोगों की लंबी लाइने अब भी देखी जा रही है. एसबीआई कादोगांव शाखा के बाहर पुरुषों से अधिक महिलाएं कतार में खड़ी होकर अपनी बारी का इंतजार करते देखी गयी.
बाजार पर भी पड़ा बड़ा असर
बड़े नोट बंद होने से सबसे ज्यादा असर शहर के कारोबार पर हुआ है. साड़ी, किराना, इलेक्ट्र\\निक बाजार पूरी तरह से ठप रहा. इक्का-दुक्का ग्राहक ही दुकानों पर पहुंच रहे हैं. इससे दुकानदारों का तो बिजली और कर्मचारियों का खर्च भी निकल रहा है. शहर मुख्य बाजार, चूड़ीपट्टी, नेमचंद रोड, धर्मशाला रोड व अन्य जगहों पर दोपहर में दुकानें खाली रहीं. व्यापारी और दुकानदार ग्राहकों को इंतजार करते रहे.
दिघलबैंक प्रतिनिधि के अनुसार, दिघलबैंक हाट में आम दिनों की तुलना में यहां भी कम भीड़ भाड़ देखी गयी. खास कर सब्जी और किराना सामान खरीदने में थोड़ी परेशानी की सूचना है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें