किशनगंज : आखिरकार डेंगू ने प्रशासनिक दावों की धज्जियां उड़ाते हुए जिले में दस्तक दे दी. जिले के कोचाधामन प्रखंड के बड़ी जान पंचायत स्थित रूईया गांव में डेंगू मरीज पाये गये हैं. मरीज खतीजा बेगम 42 वर्ष पति नसीम अख्तर को जांचोपरांत डेंगू से ग्रसित पाये जाने के बाद उसे सदर अस्पताल में भरती करा दिया गया है तथा सदर अस्पताल के आइसोलेटेड वार्ड कमरा नंबर 83 में उसका इलाज भी प्रारंभ कर दिया गया है.
परंतु डेंगू की समुचित दवा की अनुपलब्धता के कारण मरीज के इलाज में परेशानियां उत्पन्न हो रही है. अत्यंत निर्धन व पेशे से खेतिहर मजदूर पीड़िता के पति नसीम अख्तर अपनी पत्नी के इलाज के लिए बाजार से दवा खरीदने को मजबूर हैं, जबकि सदर अस्पताल प्रशासन मरीज के इलाज के नाम पर महज खानापूर्ति करने में जुटा है.
इस संबंध में पूछे जाने पर पीड़िता के पति ने बताया कि खतीजा विगत कई दिनों से बीमार चल रही थी. गांव के ही झोला छाप डॉक्टर द्वारा इलाज कराये जाने के बाद भी जब मरीज के स्वास्थ्य में सुधार नहीं हुआ तो वे उसे शहर ले आये जहां एक चिकित्सक की सलाह पर जांच किये जोन पर जब खतीजा को डेंगू की पुष्टि हो गयी तो उसे सदर अस्पताल में भरती करा दिया गया.
इस संबंध में पूछे जाने पर अस्पताल उपाधीक्षक डा आरपी सिंह ने मरीज के परिजनों द्वारा लगाये गये आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि खतीजा बेगम को समुचित चिकित्सा सुविधा प्रदान की जा रही है. उन्होंने बताया कि जांचोपरांत मरीज में रक्त की अल्पता पाये जाने के बाद सोमवार को उसे एक यूनिट रक्त अस्पताल द्वारा मुफ्त प्रदान किया गया है. उन्होंने दावे के साथ कहा कि मरीज की चिकित्सा में कोई कमी नहीं रखी जायेगी.