किशनगंज: जिंदा पॉलिसी धारक को मृत दिखा कर निजी बीमा कंपनी के एजेंट द्वारा धोखाधड़ी कर हजारों के वारे न्यारे करने का मामला प्रकाश में आया है. दिघलबैंक प्रखंड के तुलसिया पंचायत स्थित दहीभात खास निवासी मो इलियास को घटना का आभास उस वक्त हुआ जब इंश्योरेंस कंपनी के द्वारा उन्हें बीमा रकम के सेटलमेंट की जानकारी दी गयी.
गांव के कम पढ़े लिखे खेतिहर मजदूर इलियास जब अंग्रेजी भाषा में रिलायंस इंश्योरेंस कार्यालय द्वारा भेजे गये पत्र को खुद से न पढ़ सका, तो पड़ोस के एक शिक्षित युवक के पास पत्र लेकर पहुंच गया. युवक द्वारा पत्र का मजमुन इलियास को समझाये जाने के बाद उसके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गयी. इंश्योरेंस कंपनी के एजेंट मो फारूख पिता स्व रईसुद्दीन मिरजाभीट्ठा लक्ष्मीपुर कोढ़ोबाड़ी निवासी ने गांव के पंचायत सचिव से सांठगांठ कर उसकी जीवित पत्नी अख्तरी बेगम का जाली मृत्यु प्रमाण पत्र बना लिया था तथा रिलायंस लाइन इंश्योरेंस कंपनी में खोले गये पॉलिसी नंबर 15278935 से गैर कानूनी तरीके से 25 हजार की निकासी कर ली थी.
घटना से हैरान व परेशान मो इलियास ने जब रिलायंस लाइफ इंश्योरेंस पदाधिकारी से संपर्क किया तो उन्हें चीफ ऑपरेटिंग पदाधिकारी ने उन्हें बताया कि अख्तरी बेगम की मौत के बाद नॉमिनी मो इलियास के नाम एसबीआई बहादुरगंज शाखा में खाता संख्या 3395 2933188 में 25 हजार रुपये भेज दिया गया है तथा चेक संख्या 502075245008 से इस राशि की निकासी भी कर ली गयी है. जबकि अख्तरी ने बताया कि उसके या उसके पति ने एसबीआई बहादुरगंज में कभी भी खाता खुलवाया ही नहीं है.
वर्ष 2009 में अख्तरी बेगम ने कराया था बीमा
पीड़िता अख्तरी बेगम ने बताया कि वर्ष 2009 में एजेंट ने उसके पति इलियास को नॉमिनी बनाते हुए रिलायंस लाइफ इंश्योरेंस कंपनी में 15278935 पॉलिसी नंबर का बीमा कराया था. दोनों पति पत्नी ने भविष्य की चिंता कराते हुए हाड़ तोड़ मेहनत कर प्रति वर्ष नियत समय पर बीमा रकम जमा भी किया था. परंतु वर्ष 2011 में बीमा कंपनी द्वारा 15 हजार का भुगतान किये जाने के बाद एजेंट फारूख आगे का प्रीमियम लेने उनके पास नहीं आया.
कंपनी के भागने की बात बता कराया दस्तखत
पांच माह पूर्व एक दिन अचानक फारूख उनके घर आ धमका और अन्य नन बैकिंग कंपनी की तरह रिलायंस इंश्योरेंस के भी जल्द भाग जाने की सूचना देते हुए कई आवश्यक कागजातों पर दस्तखत व अंगूठा लगवा लिया तथा पॉलिसी का बांड पेपर भी साथ लेता गया. इस दरम्यान हालांकि फारूख ने उन्हें बिमित रकम का भुगतान नहीं किया परंतु अख्तरी बेगम को मृत घोषित कर 25 हजार रुपये निकासी कर लेने की जानकारी उन्हें अवश्य मिल गयी.