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चलने लायक नहीं संसारपुर जाने वाली सड़क

खगड़िया : प्रखंड से महज एक किलोमीटर की दूरी पर संसारपुर गांव जाने वाली सड़क चलने लायक नहीं बची है. परमानंदपुर ढाला से लेकर संसारपुर, विद्यार्थी टोला होते हुए मानसी जाने वाली सड़क पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है. इस कारण वाहन चालक सहित रिक्शा चालकों को भी एनएच 31 का सहारा लेना पड़ता […]

खगड़िया : प्रखंड से महज एक किलोमीटर की दूरी पर संसारपुर गांव जाने वाली सड़क चलने लायक नहीं बची है. परमानंदपुर ढाला से लेकर संसारपुर, विद्यार्थी टोला होते हुए मानसी जाने वाली सड़क पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है. इस कारण वाहन चालक सहित रिक्शा चालकों को भी एनएच 31 का सहारा लेना पड़ता है.

जहां सड़क पर वाहनों की अधिकता के कारण दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. इस मार्ग होकर रोजना सैकड़ों की संख्या में छोटे-बड़े वाहन इस होकर गुजरते हैं. इस मार्ग होकर कई गांव के हजारों की आबादी लोग आवाजाही करते हैं. संसारपुर सहित रामगंज, गौड़ शक्ति, मेहसौढ़ी, चतरा, अमनी, हरदाश्चक, रांको आदि गांवों में जाने के लिए लोग इस मार्ग का उपयोग करते हैं. इसके बावजूद भी सड़कों की स्थिति काफी दयनीय बनी हुई है.

अधिकारियों का है आवाससंसारपुर में जिले के अधिकारियों का आवास है. डीएम आवास, एसपी आवास, जिला जज सहित पुलिस केंद्र भी इसी गांव में है. इसके बावजूद भी इस सड़क की स्थिति काफी बदतर है. ऐसे में अधिकारियों को भी जिला मुख्यालय आने के लिए इसी मार्ग का उपयोग करना पड़ता है या तो एनएच 31 का सहारा लेना पड़ता है. सड़क पर उभर आयी हैं गिट्टियां सड़क की हालत इतनी नाजुक बनी हुई है कि परमानंदपुर से लेकर मानसी बाजार तक सड़क पर गिट्टी उभर आये हैं. ऐसे में वाहन चालक से लेकर रिक्शा चालक या फिर साइकिल चालक को काफी कठिनाई होती है.

वाहन चालकों का वाहन हमेशा पंचर हो जाता है. वहीं वाहन चालक भी हिचकोले खाते हुए गंतव्य तक पहुंचने को मजबूर है. साथ ही छोटी मोटी घटनाएं होती रहती है. रिटायर्ड रेलवे बांध बना सहारा सड़क जर्जर हो जाने के कारण परमानंदपुर से लेकर संसारपुर तक के लिए ज्यादातर वाहन चालक से लेकर साइकिल चालक रेलवे के रिटायर्ड बांध का सहारा लेकर गांव तक पहुंचते हैं. क्योंकि पक्की सड़क से ज्यादा बेहतर स्थिति रेलवे रिटायर्ड बांध के कच्ची सड़क की है. इस कारण लोग इस मार्ग का उपयोग करते हैं. तथा कुछ वाहन चालक एनएच 31 के सहारे भी गंतव्य तक पहुंचते हैं.

ज्यादा किराये की मांगसड़क जर्जर हो जाने से लोगों को आर्थिक दोहन का भी शिकार होना पर रहा है. बाजार से संसारपुर ढ़ाला आने के नाम पर तो पहले रिक्शा चालक तैयार नहीं होते है. वहीं कुछ रिक्शा चालक तैयार भी होते हैं तो सड़क खराब होने की बात कह कर ज्यादा किराया की मांग कर बैठते हैं. अस्पताल से संसारपुर ढ़ाला आने के लिए रिक्शा चालक दिन में 50 तो रात में इससे भी अधिक की मांग करते हैं. ऑटो बना मुख्य साधन बाजार से संसारपुर आने के लिए ज्यादातर लोग अब ऑटो का ही सहारा लेते है. लेकिन सड़क की जर्जरता के कारण ऑटो चालक भी ऑटो को एनएच 31 के सहारे ही संसारपुर तक ले जाते हैं.

ऐसे में एनएच 31 का सफर के दौरान दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. और कई बार परमानंदपुर से संसारपुर के बीच बड़ी दुर्घटनाएं भी हो चुकी है. ऐसे में लोग एनएच 31 पर ऑटो पर चढ़ने से भी कतराते हैं. लेकिन मजबूरी में लोगों को ऑटो से ही गंतव्य तक पहुंचना पड़ता है. कहते हैं लोग संसारपुर निवासी अजय कांत ठाकुर, नरेश ठाकुर, शशि कांत ठाकुर, बमबम झा, मंटुन झा, विद्यार्थी टोला निवासी मनीष कुमार, पवन कुमार, गुड्डु आदि लोगों ने बताया कि जिला मुख्यालय के इतने करीब होने के बाद भी वर्षों से सड़क की स्थिति जर्जर बनी हुई है. जबकि इस मार्ग होकर रोजाना सैकड़ों की संख्या में वाहनों की आवाजाही होती है. लोग सड़क जर्जर होने के कारण एनएच 31 का सहारा लेकर घर पहुंचते हैं. जिस पर हमेशा खतरा बना रहता है. इनलोगों ने जिला प्रशासन से सड़क की मरम्मती जल्द से जल्द करवाने की मांग की है.

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