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कार्यपालक सहायकों का नहीं किया गया सेवा वस्तिार

खगड़िया : जिले के दर्जनों कार्यपालक सहायकों का सेवा विस्तार नहीं किया गया है. अधिकारिक सूत्र की मानें तो लगातार मिल रही शिकायत तथा डीएम द्वारा संपूर्ण बहाली की जांच हेतु जांच टीम गठित किये जाने के कारण ही कार्यपालक सहायकों का इस वर्ष सेवा विस्तार नहीं किया गया. जानकार बताते हैं कि बहाली में […]

खगड़िया : जिले के दर्जनों कार्यपालक सहायकों का सेवा विस्तार नहीं किया गया है. अधिकारिक सूत्र की मानें तो लगातार मिल रही शिकायत तथा डीएम द्वारा संपूर्ण बहाली की जांच हेतु जांच टीम गठित किये जाने के कारण ही कार्यपालक सहायकों का इस वर्ष सेवा विस्तार नहीं किया गया.

जानकार बताते हैं कि बहाली में बरती गयी अनियमितता के कारण ही कार्यपालक सहायकों का इस वर्ष सेवा विस्तार नहीं किया गया है. इसके अलावा विभिन्न कार्यालयों में काम कर रहे कार्यपालक सहायकों के मानदेय भुगतान पर भी रोक लगायी गयी है. बहाली में गड़बड़ी की बातें सामने आने के बाद पूर्व डीएम राजीव रोशन के कार्यकाल से ही कई सहायकों के मानदेय भुगतान पर रोक लगी हुई है.

हालांकि कई बार कार्यपालक सहायकों ने मानदेय भुगतान करने की मांग डीएम से कर चुके हैं. किंतु इनके मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है. सूत्र की माने तो लगभग 6 माह से कार्यपालक सहायकों के मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है. सेवा विस्तार तथा मानदेय भुगतान पर रोक के साथ साथ नई बहाली पर भी पूर्व डीएम द्वारा रोक लगायी गयी है.

विभागीय जानकारी के अनुसार कार्यालयों में मांग के बावजूद भी पैनल में शामिल अभ्यर्थी का चयन इसलिये नहीं किया जा रहा है क्योंकि पैनल के साथ भी छेड़छाड़ की गयी है. अधिक अंक वाले अभ्यर्थी को छोड़कर कम अंक वाले अभ्यर्थी का चयन कर लिया गया है. जिस कारण नई बहाली नहीं की गयी है. उल्लेखनीय है कि वर्ष 2011 से 2013 के बीच दर्जनों कार्यपालकों सहायकों की बहाली की गयी है. बहाली में काफी अनियमितता बरततने की बाते सामने आयी है.

फोर लेन जांच कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार विभागीय नियमों के विपरीत बहाली की गयी है. एक वर्ष में एक से अधिक पैनल का निर्माण कर बहाली की गयी. जबकि एक पैनल के सभी अभ्यर्थी का चयन नहीं करके दूसरा पैनल बनाया गया. वहीं आरक्षण रोस्टर का भी अनुपालन नहीं किया गया और न ही रोस्टर का अनुमोदन सक्षम पदाधिकारी से कराया गया.

जांच रिपोर्ट में बात का भी उल्लेख किया गया है कि संपूर्ण बहाली में पारदर्शिता का घोर अभाव था. मामला पहुंचा हाइकोर्टकार्यपालक सहायकों की बहाली में बरती गयी अनियमितता का मामला हाइकोर्ट में विचाराधीन है. जिले के अभिषेक प्रसाद, सिंटू कुमार, राजीव कुमार, अविनाश कुमार, आकाश कुमार, मनीष कुमार, शशिकांत कुमार ने हाइकोर्ट में रिट दायर कर बताया है कि कम अंक वाले अभ्यर्थियों को कार्यपालक सहायक के पद पर बहाल किया गया है, जबकि अधिक अंक रहने के बावजूद उनकी अनदेखी की गयी है.

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