10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

18 लाख आबादी, नियमित चिकत्सिक मात्र 29

खगडि़या : स्वास्थ्य व्यवस्था के नाम पर सरकार द्वारा प्रतिवर्ष भले ही करोड़ों रुपये खर्च किये जा रहे हैं. लेकिन मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. इलाज के नाम पर जिले के सदर अस्पताल, अनुमंडल अस्पताल गोगरी व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर खानापूर्ति की जा रही है. […]

खगडि़या : स्वास्थ्य व्यवस्था के नाम पर सरकार द्वारा प्रतिवर्ष भले ही करोड़ों रुपये खर्च किये जा रहे हैं. लेकिन मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. इलाज के नाम पर जिले के सदर अस्पताल, अनुमंडल अस्पताल गोगरी व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर खानापूर्ति की जा रही है.

सदर अस्पताल तथा अनुमंडल अस्पताल में चिकित्सक का अभाव है. लेकिन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक पदस्थापित है. सदर अस्पताल में सर्जन तथा महिला चिकित्सक का अभाव है. इलाज के नाम पर अधिकांश मरीज को रेफर किये जाने की परंपरा सदर अस्पताल में बनी हुई है.

जिले में कितने हैं चिकित्सक जिले की आबादी लगभग 18 लाख है. लेकिन नियमित चिकित्सकों की संख्या मात्र 29 है. हालांकि चिकित्सकों की कमी को पाटने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा संविदा के आधार पर चिकित्सकों को नियोजित किया गया है. नियोजित चिकित्सकों पर ही जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था टिकी हुई है.

उल्लेखनीय है कि नियमित चिकित्सक के 102 रिक्त पदों के विरुद्ध जिले में मात्र 29 चिकित्सक हैं. स्वास्थ्य विभाग द्वारा सरकार के संयुक्त सचिव को पत्र लिख कर सूचना भी दी गयी है. लेकिन चिकित्सक को स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियुक्त नहीं किया गया है. नहीं रहना चाहते हैं चिकित्सक स्वास्थ्य विभाग के लचर व्यवस्था को देख जिले में चिकित्सक ड्यूटी नहीं करना चाहते हैं.

संविदा पर बहाल चिकित्सक डॉ राजेश कुमार बीते एक वर्ष पूर्व सदर अस्पताल में ड्यूटी करना छोड़ दिये हैं. सर्जन डॉ प्रेम, डॉ पवन कुमार, सदर अस्पताल में ड्यूटी करना छोड़ दिये हैं.मरीज को जाना पड़ता है बाहर जिले के सदर अस्पताल व अनुमंडल अस्पताल में एक भी सिजिरीयन ऑपरेशन नहीं होता है.

इतना ही नहीं हाइड्रोसिल, हिरनिया, ऑपेनडीक्स तथा भेस्कोटॉमी जैसा मामूली ऑपरेशन भी अस्पताल में नहीं हो रहा है. सिर्फ बंध्याकरण ऑपरेशन के लिए अस्पताल में भीड़ लगी रहती है. उपकरण का भी है अभाव सदर अस्पताल व अनुमंडल अस्पताल तक में चिकित्सीय उपकरण का अभाव रहता है. जिसके कारण मरीजों को समुचित इलाज नहीं किया जाता है.

पूर्व में लाखों रुपये मूल्य से खरीदे गये डेंटल चेयर बेकार पड़ा हुआ है. गुणवत्ता विहीन डेंटल चेयर रहने के कारण मरीजों को उसका लाभ नहीं मिल रहा है. इतना ही नहीं नेत्र विभाग, डेंटल विभाग, अस्थि विभाग में समुचित चिकित्सीय उपकरण उपलब्ध नहीं हैं. दवा का अभाव जिले के सभी अस्पतालों में दवा का अभाव रहता है. ओपीडी में 33 दवा के बदले मात्र 20 से 22 दवा ही उपलब्ध रहती है. जबकि इनडोर में 127 के बदले मात्र 50 से 60 दवा उपलब्ध रहती है.

जिसमें से अधिकांश दवा का उपयोग साल में यदा कदा ही होता है. लेकिन नियमित उपयोग होनी वाली दवा का अभाव देखा जा रहा है. सभी पीएचसी को दी गयी राशिजिले के सभी पीएचसी को दवा उपलब्ध कराने के लिये एक एक लाख रूपये आवंटित किये गये हैं. ताकि पीएचसी में दवा का अभाव नहीं हो.

उन्होंने बताया कि अब तक सदर अस्पताल में दवा की उपलब्धता के लिये लगभग दस लाख रूपये खर्च किये जा चुके हैं. सदर अस्पताल में आवश्यक सभी दवा उपलब्ध करा दी गयी है. कहते हैं सीएस सीएस डॉ रास बिहारी सिंह ने बताया कि चिकित्सक की कमी है. दिसंबर से पहले चिकित्सक के आने की संभावना नहीं है. उन्होंने बताया कि अब संविदा आधारित चिकित्सकों का स्थायी नियुक्ति की जा रही है. उसके बाद ही उम्मीद की जा सकती है कि जिले में प्रर्याप्त चिकित्सक उपलब्ध कराया जायेगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें