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नवंबर से होगा डुमरी पुल का नर्मिाण शुरू

नवंबर से होगा डुमरी पुल का निर्माण शुरू स्टे केबल ब्रिज के तर्ज पर होगा मरम्मत का कार्यचिरैयाटाड़ पुल के मॉडल की तरह बनेगा डुमरी पुलफोटो 5 में : कैप्सन: टूटा हुआ डुमरी पुल का दृश्यप्रतिनिधि, बेलदौरकोसी की लाइफलाइन बीपी मंडल सेतु के क्षतिग्रस्त हिस्से के 10 पाये तोड़ कर स्टे केबल ब्रिज के तर्ज […]

नवंबर से होगा डुमरी पुल का निर्माण शुरू स्टे केबल ब्रिज के तर्ज पर होगा मरम्मत का कार्यचिरैयाटाड़ पुल के मॉडल की तरह बनेगा डुमरी पुलफोटो 5 में : कैप्सन: टूटा हुआ डुमरी पुल का दृश्यप्रतिनिधि, बेलदौरकोसी की लाइफलाइन बीपी मंडल सेतु के क्षतिग्रस्त हिस्से के 10 पाये तोड़ कर स्टे केबल ब्रिज के तर्ज पर मरम्मत करने की प्रक्रिया जनवरी से ही कैंप लगा कर कार्य एजेंसी द्वारा शुरू कर दी गयी. बीते मई में पुल के क्षतिग्रस्त भाग को तोड़ कर मरम्मत का कार्य शुरू किया गया था. पर, नदी के जल स्तर में हुई अप्रत्याशित बढ़ोतरी के कारण मरम्मत कार्य बंद कर दिया गया था. नदी के जलस्तर में संभावित गिरावट को देखते हुए एनएच विभाग के नव पदस्थापित कार्यपालक अभियंता अरुण कुमार ने बताया कि मरम्मत कार्य प्रारंभ करने को लेकर कार्य एजेंसी पर दबाव दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि कार्य एजेंसी के तकनीकी कर्मी भी लगातार डुमरी पुल का निरीक्षण कर रहे हैं, ताकि अविलंब कार्य प्रारंभ किया जा सके.किस तरह होगी मरम्मतकार्यपालक अभियंता अरुण कुमार ने बताया कि पुल के क्षतिग्रस्त पाया संख्या 12 से 21 तक 10 पायों को तोड़ कर हटा दिया गया है. इसके बाद टूटे हिस्से के दोनों छोर पर एक-एक पाया का निर्माण किया जायेगा. निर्मित दोनों पायाें को राजधानी के चिरैयाटांड़ पुल मॉडल पर एक्सट्रा डोज स्टे केबल ब्रिज से जोड़ दिया जायेगा. इसके बाद पुल पूर्व की तरह भारी वाहनों के आवागमन के लिए पूरी तरह तैयार हो जायेगा.कब से हो रही है परेशानी29 अगस्त, 2010 को डुमरी पुल के पाया संख्या 19 व 20 के अचानक धंस जाने के कारण पुल के स्पेनो के बीच एक्सपेंशन गैप बढ़ने लगा. संभावित खतरे को भांप जिला प्रशासन ने पुल पर आवागमन के लिए रोक लगा दी थी. पांच वर्षों से उत्तरी बिहार के लोगों का सीधा संपर्क जिले समेत राजधानी से कट गया. इसके कारण लोगों को आवागमन के विकट संकटों से जूझना पड़ रहा है. वैकल्पिक स्टील ब्रिज का 170 मीटर भाग 23 जुलाई, 2014 को कोसी नदी में बह गया. अब कोसीवासियों का आखिरी सहारा नदी पर नौका परिचालन ही रह गया. सरकार व विभाग के उपेक्षापूर्ण रवैये के कारण डुमरी पुल मरम्मत कार्य पूरा होने तक शायद मांझी के सहारे ही जान जोखिम में डाल कर कोसी नदी पार करना नियति बन गयी है. आवागमन संकटों के बीच जिंदगी काट रहे प्रखंड समेत कोसीवासियों को अब इंतजार है, तो बस डुमरी पुल की मरम्मत का. बोले कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजरडुमरी पुल मरम्मत कार्य के लिए स्वीकृत एजेंसी के प्रोजेक्ट मैनेजर केके रंजन ने बताया कि मरम्मत प्रारंभ करने के लिए एजेंसी के कर्मी पूरी तरह मुस्तैद हैं. नदी के जलस्तर में थोड़ी और कमी आते ही कार्य प्रारंभ कर दिया जायेगा. नवंबर के दूसरे सप्ताह तक जलस्तर में संभावित गिरावट आते ही बेल फाउंडेशन का कार्य प्रारंभ हो जायेगा. अगर तकनीकी स्तर से निर्धारित 49.3 मीटर गहरे बेल फाउंडेशन में कोई अड़चन नहीं आयी, तो अप्रैल के अंत तक दोनों पायाें का निर्माण कर प्रथम चरण का मरम्मत कार्य पूरा कर लिया जायेगा.

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