प्रखंड : में कई मतदान केन्द्रों पर सब पक्षों की सहमति से वोगस वोटिंग का सिलसिला भी चलता रहा. इसके लिये बोगस वोटिंग करने वाले मतदाताओं ने इस प्रकार के इंतजाम को धता बताने के लिए जुगाड़ टेक्नोलॉजी ढूंढ लिया था.
ऐसे बोगस वोटिंग कर चुके कुछ मतदाताओं ने बताया कि वोटिंग के दौरान अंगुली पर लगाये जाने वाले स्याही को मिटाने के लिए स्थानीय स्तर पर कुछ उपाय ढूंढे गये हैं.
एक बोगस मतदाता ने बताया स्याही को मिटाने के लिये अंगुली पर यूरिया लगाकर उसे पानी से मिलाया जाता है तथा नींबू के रस से स्याही छुड़ाया जाता है. वहीं दूसरे ने बताया कि आक या पपीता के पौधे के दूध को रगड़ने से स्याही का दाग मिट जाता है.
इस टेक्नोलॉजी के कई माहिर खिलाडि़यों ने बताया कि मतदान के शुरुआत में भीड़ भाड़ रहती है. उस समय बोगस करना आसान रहता है. बाद में भीड़ कम होने पर ज्यादा चेकिंग होती है. बहरहाल कई लोगों ने दावा किया कि यदि शत प्रतिशत सही मतदान हो तो पचास प्रतिशत मतदान होना ही काफी माना जायेगा.