जांच टीम में एडीएम के साथ-साथ डीटीओ अब्दुल रज्जाक, जिला पंचायती राज पदाधिकारी व वरीय उपसमाहर्ता मुकेश कुमार सिन्हा को जांच टीम में रखा गया था. वर्ष 2013 में हुई कार्यपालक सहायक के बहाली को लेकर जिला स्तर पर लगातार शिकायतें मिलने के बाद डीएम ने बहाली की जांच के लिए कमेटी का गठन किया था. हालांकि अब तक जांच टीम ने अपनी जांच रिपोर्ट समर्पित नहीं किया है.
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कार्यपालक सहायक बहाली की नहीं हुई जांच
खगड़िया: आरटीपीएस के तहत कार्यपालक सहायकों की हुई बहाली की जांच अब तक नहीं हो पायी है, जबकि बहाली की जांच के लिए छह माह पूर्व ही डीएम ने जांच कमेटी का गठन किया था. एडीएम एमएच रहमान के नेतृत्व में दिसंबर माह में ही चार सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया गया था. जांच […]
खगड़िया: आरटीपीएस के तहत कार्यपालक सहायकों की हुई बहाली की जांच अब तक नहीं हो पायी है, जबकि बहाली की जांच के लिए छह माह पूर्व ही डीएम ने जांच कमेटी का गठन किया था. एडीएम एमएच रहमान के नेतृत्व में दिसंबर माह में ही चार सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया गया था.
आरक्षण रोस्टर में पारदर्शिता का अभाव
सूत्र की माने तो कार्यपालक सहायकों की बहाली में विभागीय नियमों की अनदेखी की गयी थी. जांच टीम में शामिल एक पदाधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि प्रारंभिक जांच में कार्यपालक सहायक की बहाली में अनियमितता प्रतीत हो रही है. इनके अनुसार कुछ को छोड़ अधिकांश अभ्यर्थियों के लिए बनाये गये रोस्टर का अनुमोदन प्रमंडलीय आयुक्त से नहीं कराया गया था. अभ्यर्थियों के एक-एक वर्ष में एक ही पैनल बनाया जाना था. इस पैनल में शामिल अभ्यर्थी की बहाली के उपरांत ही नये पैनल का निर्माण कराना था. सूत्रों के मुताबिक जांच में यह बातें सामने आ रही है कि एक वर्ष में एक से अधिक पैनल का निर्माण किया गया था. पहले बने पैनल में शामिल अभ्यर्थी को छोड़ नये पैनल का निर्माण कर उसमें शामिल अभ्यर्थी की बहाली की गयी है.
आरक्षण रोस्टर निर्माण में भी पारदर्शिता का अभाव है. जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा कि कार्यपालक सहायक की बहाली में किन किन विभागीय निर्देश व नियमों की अनदेखी की गयी है. अगर जांच टीम में शामिल पदाधिकारी की बातें साबित हुई तो कई नियोजित कार्यपालक सहायक जो की गलत तरीके से बहाल हुए हैं तथा बहाल करने वाली कमेटी में शामिल तत्कालीन पदाधिकारियों की भी मुश्किलें बढ़ सकती है.
आयुक्त से की शिकायत
कार्यपालक सहायक की जांच पूरी नहीं होने के कारण कई अभ्यर्थियों ने प्रमंडलीय आयुक्त को आवेदन देकर कार्रवाई करने की मांग की है. आवेदक अविनाश कुमार ने प्रमंडलीय आयुक्त को आवेदन देकर कहा है कि कार्यपालक सहायक की बहाली में वरीयता के आधार पर बहाली नहीं की गयी है. उनका कहना है कि अधिक अंक वाले की जगह कम अंक वाले का चयन किया गया है. इन लोगों आयुक्त से अपना चयन करने की मांग की है.
स्थापना उपसमाहर्ता ने लिखा पत्र
स्थापना उपसमाहर्ता सह डीएसओ डीएन झा ने पत्र लिख कर एडीएम सह जांच कमेटी के अध्यक्ष एमएच रहमान सहित जांच टीम में शामिल अन्य सदस्य क्रमश: डीटीओ अब्दुल रज्जाक, जिला पंचायती राज पदाधिकारी सियाराम सिंह व वरीय उपसमाहर्ता मुकेश कुमार सिन्हा को कार्यपालक सहायक की जांच रिपोर्ट भेजने को कहा है.
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