फोटो है 5 में कैप्सन : एपीएचसी में लगती है मरीजों को लंबी कतार कई मामलों में महत्वपूर्ण है एपीएचसीयहां पर अक्सर होती रहती है सड़क दुर्घटनाएं प्रतिनिधि, महेशखूंटएनएच 31 के किनारे अति महत्वपूर्ण स्थानीय एपीएचसी को आयुष चिकित्सक के भरोसे छोड़ दिया गया है, जबकि इसी अस्पताल से महज कुछ ही दूरी पर बड़े-बड़े सड़क हादसे होते आ रहे हैं. ज्ञात हो कि यह अस्पताल भागलपुर-पूर्णिया तथा पटना के बीच एकलौता सरकारी अस्पताल है. इससे विभाग में हर काम के मानक का अंदाजा लगाया जा सकता है. गरीब लोग रुपये के अभाव में सरकारी अस्पताल में इलाज कराने के लिए आते हैं. बताया जाता है कि यह अस्पताल आस पास के इलाके में सबसे महत्वपूर्ण अस्पताल है. यहां लगभग 100 मरीज रोजाना इलाज के लिए आते हैं. ऐसे में उनलोगों का इलाज किस प्रकार किया जाता होगा, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. लोगों का कहना है कि यह अस्पताल एनएच 31 के किनारे का अस्पताल है. यहां से कुछ ही दूरी पर बीते 15 दिनों में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है. ये लोग यहां सड़क हादसे में सिर्फ घायल हुए थे. इलाज के लिए खगडि़या सदर अस्पताल लाये जा रहे थे कि रास्ते में सभी की मौत हो गयी. अगर इस अस्पताल में रात्रि में चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध हो जाती है क्षेत्र का कायाकल्प हो सकता है. लेकिन लोगों के अनुसार यह अस्पताल रात्रि में बंद रहता है. कहते हैं सिविल सर्जनसिविल सर्जन डॉ विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि वहां आउट सोर्सिंग की व्यवस्था शुरू हो चुकी है. जल्द ही वहां रात्रि सेवा भी चालू कर दिया जायेगा.वहां एमबीबीएस चिकित्सक उपलब्ध कराने के लिए वे लगातार प्रयास कर रहे हैं.
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आयुष चिकित्सक के भरोसे चल रही है एपीएचसी की व्यवस्था
फोटो है 5 में कैप्सन : एपीएचसी में लगती है मरीजों को लंबी कतार कई मामलों में महत्वपूर्ण है एपीएचसीयहां पर अक्सर होती रहती है सड़क दुर्घटनाएं प्रतिनिधि, महेशखूंटएनएच 31 के किनारे अति महत्वपूर्ण स्थानीय एपीएचसी को आयुष चिकित्सक के भरोसे छोड़ दिया गया है, जबकि इसी अस्पताल से महज कुछ ही दूरी पर बड़े-बड़े […]
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