23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सत्संग का अर्थ है ईश्वर का संग : साध्वी

प्रतिनिधि, गोगरीसत्संग का अर्थ है सत्य व संग आर्थात ईश्वर का संग और ईश्वर का संग वही पा सकता है जो सत्य को जाने, ईश्वर को जाने. उक्त बातें स्थानीय भगवान उच्च विद्यालय के मैदान में दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा आयेजित राम चरित मानस व गीता विवेचना कार्यक्रम के चौथे दिन गुरुवार को दिल्ली […]

प्रतिनिधि, गोगरीसत्संग का अर्थ है सत्य व संग आर्थात ईश्वर का संग और ईश्वर का संग वही पा सकता है जो सत्य को जाने, ईश्वर को जाने. उक्त बातें स्थानीय भगवान उच्च विद्यालय के मैदान में दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा आयेजित राम चरित मानस व गीता विवेचना कार्यक्रम के चौथे दिन गुरुवार को दिल्ली से आयी सध्वी प्रसन्ना भारती ने अपने प्रवचन में कही. उन्होंने कहा कि सत्संग, संत व सदगुरू के शरण में जा कर होती है जो हमें सत्य से परिचय के साथ ईश्वर की पहचान करते हैं, और हम सच्चे हृदय से सच्ची भक्ति करते हैं. सच्ची भक्ति हमारी तब होगी जब हम ईश्वर को जान उनकी रचना को पहचानेंगे. प्रवचन व कथा सुनने से सत्संग नहीं होता बल्कि सत्संग के नियम उसक उद्देश्यों का पालन करने से ही सत्संग सफल हो सकता है. आयोजित राम चरित मानस व गीता विवेचना कार्यक्रम के चौथे दिन श्रद्धालुओं की काफी भीड़ लगी रही. मौके पर उपस्थित स्वामी कपिल देवानंद स्वामी व रघुनंदनानंद स्वामी आदि संत प्रवचन के बीच भजन व दोहे गा कर लोगों को झूमाते रहे. वहीं साध्वी महामाया ने लोगों को सत्संग का उद्देश्य बताते हुए कहा कि सत्संग का उद्देश्य लोगों में सदगुणों का संचार करने के साथ मानव को मानव जीवन के उद्देश्य का बोध कराना है, ताकि लोग बुरे कर्मों को छोड़ कर अच्छे कर्म की ओर अग्रसर हों और मनुष्य, मनुष्य की सहायता करें जिससे जगत का कल्याण संभव हो सके. इस अवसर पर गोपाल कृष्ण चैरासिया, राजकुमार खेतान, नंद किशोर प्रसाद आदि उपस्थित थे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें