गोगरी: अनुमंडल मुख्यालय स्थित रेफरल अस्पताल गोगरी में ब्लड बैंक के अभाव में मरीजों को काफी परेशानी होती है. यहां बैंक तो बनी पर ब्लड नहीं रहती. यहां के लोग उस समय से ब्लड बैंक को लेकर टकटकी लगाये हैं, जब वर्ष 2008 में तत्कालीन सीएस द्वारा अस्पताल में आनन-फानन में ब्लड बैंक की घोषणा के साथ अस्पताल के एक कमरे में ब्लड बैंक का उद्घाटन किया गया था. तब लोगों में यह आशा जगी की अब जल्द ही गोगरी में ब्लड बैंक काम करने लगेगा.
परंतु विभागीय उदासीनता के कारण चालू ब्लड बैंक आज तक मृत पड़ा है. उद्घाटन के समय तत्काल थोड़े बहुत सामग्री मुहैया करा ब्लड बैंक का उद्घाटन कर दिया गया. परंतु बाद में उक्त ब्लड बैंक को समुचित संसाधन व आवश्यक सामग्री मुहैया नहीं हो पायी. जो आज तक स्थिति जस की तस बनी है. जबकि रेफरल अस्पताल गोगरी अनुमंडल का मुख्य अस्पताल है. यहां गंभीर मरीज पहुंचते हैं अगर ब्लड की आवश्यकता पड़ जाती है तो लोगों को मरीज लेकर दर-दर भटकना पड़ता है. इससे कभी कभी मरीज के जान पर बन आती है. और लोगों को आर्थिक दोहन का भी शिकार होना पड़ता है.
स्थानीय लोगों की मानें तो अस्पताल उस समय ब्लड बैंक का उद्घाटन कर लोगों को छला गया. अगर बैंक स्थापित नहीं करना था तो उद्घाटन का नाटक नहीं करना था. अगर उद्घाटन हुआ तो विभागीय स्तर पर बैंक को समुचित संसाधन क्यों नहीं कराया गया. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अरुण कुमार सिन्हा के अनुसार मामले में वे कुछ नहीं कह सकते वरीय अधिकारी ही इसके लिए सक्षम हैं.