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जलस्तर में बढ़ोतरी जारी, सैकड़ों बाढ़ पीड़ितों को पहुंचाया गया राहत शिविर

गोगरी/परबत्ता : अनुमंडल के गोगरी और परबत्ता में आये गंगा और गंडक से भीषण बाढ़ के बाद जिला और अनुमंडल प्रशासन ने सैकड़ों बाढ़ पीड़ित परिवारों को पानी से निकालकर बाढ़ राहत शिविर में सुरक्षित पहुंचाया. प्रशासन द्वारा पीड़ितों के रहने और खाने से लेकर अन्य दैनिक जरूरत मंद सामानों की भी आपूर्ति करायी जा […]

गोगरी/परबत्ता : अनुमंडल के गोगरी और परबत्ता में आये गंगा और गंडक से भीषण बाढ़ के बाद जिला और अनुमंडल प्रशासन ने सैकड़ों बाढ़ पीड़ित परिवारों को पानी से निकालकर बाढ़ राहत शिविर में सुरक्षित पहुंचाया. प्रशासन द्वारा पीड़ितों के रहने और खाने से लेकर अन्य दैनिक जरूरत मंद सामानों की भी आपूर्ति करायी जा रही है.

इस दौरान एसडीओ सुभाष चंद्र मंडल ने बाढ़ प्रभावित इलाके का दौरा कर गांवों के बाढ़ पीड़ितों की समस्याएं सुनीं. एसडीओ ने गोगरी और परबत्ता सीओ को हर बाढ़ पीड़ित को पन्नी, तिरपाल, लंच पैकेट, मुआवजा, राशन, मोमबत्ती और केरोसिन आदि मुहैया कराने का निर्देश दिया. एसडीओ ने लोगों को जल्द पुनर्वासित करने का आश्वासन दिया.
इस दौरान गोगरी और परबत्ता के विभिन्न बाढ़ पीड़ित पंचायत के दर्जनों गांव में नाव से पहुंच कर पीड़ितों को राहत सामग्री बांटी. गंगा नदी द्वारा बाढ़ के रूप में कहर बरपाना नयी बात नहीं. गंगा का पानी हर वर्ष इसी तरह तेज बहाव के साथ कटान करते हुए लोगों के जान-माल को तबाह कर देता है. इसमें हर वर्ष कितनी जानें चली जाती हैं.
गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि होने से तटबंध के भीतर बसे गांवों में पानी प्रवेश कर चुका है. जिस कारण लोग पलायन करने पर मजबूर हो रहे हैं. आलम यह है तटबंध के भीतर बसे गांवों के लोगों की जिंदगी अब नाव पर ही निर्भर हो गयी है. वहीं किसानों के कई एकड़ में लगी फसल को भी कोसी की प्रलयंकारी धारा अपनी चपेट में ले चुका है.
गंगा के जलस्तर में वृद्धि के साथ ही कोसी प्रभावित इलाकों में आवागमन की समस्या खड़ी हो गयी है. बाढ़ अवधि के विगत एक सप्ताह पूर्व शुरू होने के बावजूद अब तक प्रशासन द्वारा कई इलाके में पर्याप्त नाव मुहैया कराने की प्रक्रिया आरंभ नहीं की गयी है. नतीजतन लोगों को निजी नाव मालिकों के रहमो-करम पर आवागमन की विवशता बनी हुई है.
बुधवार को गोगरी में हुई बारिश के बाद गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि होने की संभावना के साथ ही तटबंध के अंदर बसे लोगों की धड़कने तेज हो गयी है. गंगा नदी के पानी से गोगरी का कई इलाका घिर चुका है.
नौका के अभाव में कई लोग चाह कर भी दूसरे गांव नहीं जा पा रहे हैं. ऐसे में बाढ़ प्रभावित लोगों की जिन्दगी भगवान भरोसे कट रही है. इटहरी पंचायत के भुड़ीया दियारा निवासी सूर्य कुमार यादव, राजेश यादव, निर्मल यादव, मृत्युंजय, रामवचन यादव, अमीरीलाल यादव, फूलचंद यादव सहित कई अन्य लोगों ने बताया कि बाढ़ से पूरा दियारा जूझ रहा है
और प्रशासनिक राहत सहायता के नाम पर प्रति परिवार दो किलो चूड़ा़, आधा किलो चीनी व सतू, दो पाकेट बिस्कुट, माचिस एवं मोमबती मुहैया कराया जा रहा है. जो पूरी तरह अपर्याप्त है. वहीं स्थानीय वार्ड सदस्यों की माने तो प्रशासन द्वारा अब तक राहत व बचाव के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है.

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