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विक्रम की मौत से छीन गया बीमार मां समेत परिवार का सहारा

गोगरी : दुबई में हुए बस दुर्घटना में कुछ ऐसे लोग भी रहे जिनके लिए यह आखिरी सफर बना.किसी बूढ़े मां-बाप से उनके जिगर का टुकड़ा छिन गया, तो किसी पत्नी ने अपने पति की खो दिया.किसी भाई नें अपने भाई को खो दिया.दुबई में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर तैनात विक्रम के मौत से […]

गोगरी : दुबई में हुए बस दुर्घटना में कुछ ऐसे लोग भी रहे जिनके लिए यह आखिरी सफर बना.किसी बूढ़े मां-बाप से उनके जिगर का टुकड़ा छिन गया, तो किसी पत्नी ने अपने पति की खो दिया.किसी भाई नें अपने भाई को खो दिया.दुबई में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर तैनात विक्रम के मौत से उसके परिवार पर गमों का पहाड़ टूट पड़ा है.एक तरफ जहां उसके मां-बाप का बुढ़ापे का सहारा छिन गया है, पत्नी इस घटना के बाद से ही बेसुध पड़ी है.

विक्रम के कंधे पर थी परिवार के भरण पोषण की जिम्मेदारी: बता दें कि विक्रम अपने परिवार का भरण पोषण कर रहा था, और अपने छोटे भाई को भी पढ़ाने में मदद कर रहा था.मां-बाप के साथ पूरा परिवार विक्रम पर ही टिका हुआ था.विक्रम की मौत की घटना के बाद से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो चूका है. पत्नी लगातार घटना के बाद से अचेत होते जा रही है.विक्रम ने दुबई में ही वर्ष 2011 में लव मैरेज शादी किया था.
पुत्र की मौत पर छीन गया बुढे मां-बाप का सहारा, पत्नी बदहवाश: अपने होनहार पुत्र विक्रम की मौत के बाद पिता जवाहर सिंह और माता सविता देवी का हालत ख़राबहै.वहीं विक्रम के मां सविता देवी को हार्ट की मरीज हैं. जिसका इलाज विक्रम में पुणे में करा रहा था और उसके इलाज का सारा खर्च विक्रम उठा रहा था.लेकिन अब बीमार मां का इलाज कौन कराएगा, ऐसे कई सवाल इस हादसे ने छोड़ गये, जिसकी टीस विक्रम के परिवार वाले खासकर पत्नी को जिंदगी भर टीस देती रहेगी.
पुणे में बनाया था अपना घर: विक्रम की मां सविता देवी काफी दिनों से बीमार थी. हार्ट की बीमारी था.जिसका गांव में रहकर इलाज हो पाना संभव नहीं था.डॉक्टर नें पुणे में ही इलाज कराने की सलाह दिया.गांव से हमेशा पुणे इलाज के लिए जाना-आना संभव नहीं हो पाता, जिसके लिए विक्रम ने अपने बीमार मां और पिता के लिए पुणे में ही घर खरीद दिया और वहीं पुणे स्थित घर पर ही रहने की सलाह देते हुए इलाज शुरू कर दिया.वहीं छोटे भाई रणवीर जवाहर सिंह की भी पढ़ाई विक्रम ने बाहर में ही रहकर करने की सलाह दिया.

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