खगड़िया : प्रभात खबर में लगभग एक साल पहले अलौली के मध्य विद्यालय में व्याप्त कुव्यवस्था व एमडीएम में गड़बड़ी कर राशि के बंदरबांट की छपी खबर पर अब जांच पूरी हुई है. प्राथमिक शिक्षा निदेशक अरविंद वर्मा के आदेश पर डीइओ ने अलौली प्रखंड के मध्य विद्यालय बेनहर की जांच के लिये दो सदस्यीय टीम का गठन किया था.
टीम में शामिल शिक्षा विभाग के योजना व लेखा के डीपीओ कुणाल गौरव, पीओ शैलेन्द्र कुमार ने दो दो बार विद्यालय पहुंच कर गहन जांच की. जांच रिपोर्ट डीइओ को सौंप दी गयी है. जांच टीम में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि विद्यालय में जांच के दौरान कई गड़बड़ी पायी गयी है.
छात्रों की फर्जी उपस्थिति दर्ज कर प्रधानाध्यापक द्वारा मध्याह्न भोजन में गड़बड़ी की जा रही थी. अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान छात्रों की उपस्थिति पंजी में दर्ज छात्रोपस्थिति व भौतिक उपस्थिति में काफी अंतर पाया गया. जो प्रधानाध्यापकके द्वारा मध्याह्न भोजन योजना में गड़बड़ी की मंशा को स्पष्ट दर्शाता है.
बताया जाता है कि जांच टीम के सामने एक शिक्षिका ने एचएम पर छात्रों की फर्जी हाजिरी बनाने के लिये दबाव देने का आरोप लगाया है. सूत्रों की मानें तो जांच टीम ने डीइओ से छात्रहित व विद्यालय के माहौल को देखते हुए प्रधानाध्यापक राजीव रंजन का तबादला दूसरे प्रखंड में करने की अनुशंसा की है. विद्यालय के एचएम श्री रंजन से संपर्क नहीं हो पाने के कारण उनका पक्ष नहीं लिया जा सका.
डीइओ राजकिशोर सिंह द्वारा गठित दो सदस्यीय जांच टीम ने 20 अप्रैल को मध्य विद्यालय बेनहर पहुंच कर जांच की. इस दौरान एचएम ने जांच टीम को गलत जानकारी देते हुए बताया कि शनिवार होने की वजह से 9:30 बजे स्कूल में छुट्टी दे दी गयी.
- प्राथमिक शिक्षा निदेशक के आदेश पर हुई थी जांच
- शिक्षा विभाग के डीपीओ के नेतृत्व में दो सदस्यीय टीम की जांच में छात्रों की औसत व भौतिक उपस्थिति में काफी अंतर
- विद्यालय की शिक्षिका ने जांच टीम के सामने कहा, एचएम द्वारा फर्जी उपस्थिति दर्ज करने के लिये दिया जाता है दबाव
- प्रभात खबर में करीब दो साल पहले सातवीं के बच्चे नहीं जानते संडे-मंडे शीर्षक से छपी खबर के आधार पर शुरू की गयी थी जांच, अब हुई पूरी
जबकि विभागीय आदेशानुसार 12 बजे विद्यालय संचालन की समयावधि थी. जांच रिपोर्ट के अनुसार प्रधानाध्यापक द्वारा बताया गया कि विद्यालय में एमडीएम बना था, जबकि स्थलीय अवलोकन से ऐसा प्रतीत नहीं हो रहा था.
विद्यालय में नामांकित 335 विद्यार्थी में से 267 छात्रों की हाजिरी बनी हुई थी. जबकि 9:30 बजे जांच टीम के विद्यालय पहुंचने पर एक भी छात्र मौजूद नहीं थे. इस बात की पुष्टि मौके पर मौजूद दर्जनों ग्रामीणों ने की.
7 मई को दोबारा विद्यालय की जांच में हुए ये खुलासे : अप्रैल के आखिरी सप्ताह में जांच के बाद एक बार फिर 7 मई को दो सदस्यीय टीम जांच के लिये मध्य विद्यालय बेनहर पहुंची. जिसमें विद्यालय की एक शिक्षिका के लोकसभा चुनाव में प्रतिनियोजित होने के कारण उनको छोड़कर एचएम सहित सभी शिक्षक शिक्षिकाएं मौजूद थे.
विद्यालय में छात्रों की भौतिक व औसत उपस्थिति में काफी अंतर पाया जाना एमडीएम में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का प्रमाण है. जांच के क्रम में पाया गया कि विद्यालय परिसर को सीमेंट पाट निर्माण के लिये बाहरी व्यक्तियों को दे दिया गया है.
निरीक्षण के क्रम में दहमा खैरी खुटहा के मुखिया चन्द्रशेखर प्रसाद सिंह सहित दर्जनों ग्रामीणों नेबताया कि वर्तमान एचएम के पदस्थापन के बाद विद्यालय में शैक्षणिक वातावरण का घोर अभाव है.
जांच टीम ने माना कि निरीक्षण के दौरान विद्यालय में शैक्षणिक व्यवस्था चरमरा गयी है. विद्यालय में छात्रों की फर्जी उपस्थिति बना कर मध्याह्न भोजन योजना की राशि में बड़े पैमाने पर बंदरबांट के खुलासे सहित पूरी रिपोर्ट डीइओ को सौंप दी गयी है.
प्राथमिक शिक्षा निदेशक अरविंद वर्मा के आदेश पर डीइओ द्वारा गठित दो सदस्यीय टीम द्वारा अलौली प्रखंड के मध्य विद्यालय बेनहर में 20 अप्रैल व 7 मई को पहुंच कर जांच की गयी.
जांच में छात्रों की भौतिक व औसत उपस्थिति में काफी अंतर पाया गया. वास्तविक उपस्थिति से काफी ज्यादा संख्या में छात्रों की उपस्थिति दर्ज करना प्रधानाध्यापक के द्वारा मध्याह्न भोजन योजना में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की मंशा को स्पष्ट दर्शाता है.
विद्यालय परिसर में सीमेंट पाट निर्माण के लिये बाहर के व्यक्तियों को दे दिया गया था. मौके पर मुखिया सहित दर्जनों ग्रामीणों ने एमएम पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की गयी. पूरी रिपोर्ट जिला शिक्षा पदाधिकारी को सौंप दी गयी है.
कुणाल गौरव, डीपीओ (शिक्षा विभाग)