– प्रयाप्त मात्रा में नाव के अभाव में जान जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे लोग – पशु चारा की भी प्रशासन की ओर से नहीं की गयी व्यवस्था अमदाबाद गंगा एवं महानंदा नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी है. प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. दर्जनों गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर जाने के कारण कई गांव के लोग ऊंचे स्थानों पर पलायन कर चुके हैं. बाढ़ पीड़ित परिवारों के बीच भोजन पानी एवं शुद्ध पेयजल की घोर समस्या उत्पन्न हो गई है. बाढ़ पीड़ित परिवारों ने किसी तरह सड़क के किनारे या बांध पर तंबू लगाकर समय गुजारने को विवश है. प्रखंड के जलेबी टोला, गोलाघाट, मेघु टोला, त्रिलोकी डारा, युसूफ टोला, धन्नी टोला, बैद्यनाथपुर, गारद टोला, बालमुकुंद टोला, लक्खी टोला, बबला बन्ना, भादु टोला, सबदर टोला सहित दर्जनों गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर जाने से लोगों में हाहाकार मच गया है. लोगों के समक्ष आवागमन की समस्या से लेकर भोजन एवं शुद्ध पेयजल की घोर समस्या उत्पन्न हो गई है. बाढ़ पीड़ित परिवारों के बीच कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हुई है. घर छोड़कर पलायन करने वाले लोगों के मन में शंका बनी हुई है कि घर में किसी तरह की कोई बात ना हो जाय. कई लोग अपने घर में बने हुए हैं. कई लोग अपना घर छोड़कर ऊंचे स्थलों पर पलायन करना नहीं चाह रहे हैं. उनका मानना है कि घर में बहुत सारी समान है. उसे छोड़कर कैसे चल जाय. हालांकि जलेबी टोला गांव के एक दर्जन से अधिक परिवार अपना घर द्वार छोड़कर पलायन कर चुके हैं. सड़क के किनारे एवं बांध के किनारे प्लास्टिक का तंबू लगाकर चिल्लाती हुई धूप एवं मूसलाधार बारिश के बीच अपने बाल बच्चों के साथ समय गुजारने को विवश हैं. भूख से दर-दर भटक रहे बच्चे व आमलोग बाढ़ पीड़ित परिवारों के बच्चे भूख के मारे दर-दर भटक रहे हैं. किसी तरह सुखा रुक खाकर समय गुजारने को विवश हो गये हैं. बाढ़ के कारण मवेशियों को भी समस्याएं हो रही है. भोजन के बिना मवेशी भी तड़प रहा है. हालांकि बाढ़ के समय में चलंत मवेशी चिकित्सा टीम के द्वारा छोटा रघुनाथपुर गांव के समीप कैंप लगाकर मवेशियों का इलाज किया गया. धन्नी टोला गांव के मवेशी पलक अपना गांव छोड़कर मवेशी लेकर ऊंची स्थलों पर शरण लिए हुए थे. बाढ़ पीड़ित परिवारों का कहना था कि पिछले एक सप्ताह से अधिक समय से गांव में पानी हो गया है. अब तक स्थानीय प्रशासन उनके शुद्धि लेने नहीं पहुंचे थे. और ना ही उनके बीच किसी तरह की सुविधा मुहैया कराई जा रही है. सामुदायिक रसोई का संचालन अब तक नहीं किया जा सका शुरू बाढ़ प्रभावित परिवार के बीच सामुदायिक रसोई का संचालन नहीं हो रहा है. जलेबी टोला गांव पिछले एक सप्ताह से अधिक समय से जलमग्न हो गया है. प्रखंड के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ का पानी फैल गया है. यहां तक की नगर पंचायत के विभिन्न वार्डों में बाढ़ का पानी घुसने से लोगों में दहशत का माहौल है. दुर्गापुर पंचायत के मुखिया गोपाल प्रसाद सिंह ने कहा कि वार्ड संख्या 8 से लेकर 10, 11, 12 एवं अन्य वार्डों में बाढ़ का पानी फैल गया है. गांव में बाढ़ का पानी फैलने के कारण दर्जनों लोग ऊंचे स्थलों पर शरण लिए हुए हैं. उन्होंने शीघ्र ही अंचलाधिकारी से बाढ़ पीड़ित परिवारों को पॉलीथिन शीट एवं सुखा राशन व जीआर की राशि उपलब्ध कराने की मांग की है. मुख्य पार्षद ने प्रभावित क्षेत्र का किया दौरा नगर पंचायत अमदाबाद के मुख्य पार्षद बबलू मंडल एवं उनके साथ उपमुख्य पार्षद पृथ्वी मंडल समेत वार्ड पार्षदों ने नगर पंचायत की विभिन्न वार्डों में भ्रमण कर बाढ़ का जायजा लिया. मुख्य पार्षद बबलू मंडल ने अंचलाधिकारी को लिखित आवेदन देकर बाढ़ पीड़ित परिवारों के बीच सुखा राशन एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग की है. कुल मिलाकर प्रखंड में बाढ़ की स्थिति भयावह बनी हुई है. आवागमन की बात कही जाए तो प्रशासनिक स्तर पर 8 से अधिक नाव चलाई जा रही है. लेकिन सिर्फ यह हवा हवाई साबित हुई. कागजों पर चल रहा सरकारी नाव रविवार को प्रभात खबर की टीम जब चिन्हित स्थान पर सरकारी नाव की जायजा लेने के लिए पहुंची तो पता चला कि सरकारी नाव का परिचालन केवल कागजों पर हो रही है. जबकि गैर सरकारी नाव का परिचालन धड़ल्ले से हो रहा है. निजी नाव चलाने वाले नविक बाढ़ पीड़ित परिवारों से अधिक राशि वसूली कर रहे हैं. साथ ही क्षमता से अधिक लोड भी कर रहे हैं. ज्ञात हो कि अमदाबाद प्रखंड में बीते करीब 6 माह पूर्व एक बड़ी नौका हादसा हुई थी. जिसमें आधा दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो गई थी. उसके बाद स्थानीय प्रशासन नाविकों के साथ बैठक कर सभी गैर सरकारी नावों में भी लाइफ जैकेट रखने की बात कही थी. इसके बावजूद भी किसी भी गैर सरकारी नाव में लाइफ जैकेट नहीं देखा जा रहा है. प्रशासन इसका शुद्ध भी नहीं ले रहा है. इतना ही नहीं बल्कि गैर सरकारी नाव पर क्षमता से अधिक लोड ले लेना बड़ी हादसे का निमंत्रण देने जैसी है. वर्तमान समय में प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में बाढ़ का पानी फैलने से लोग नाव से ही आवागमन कर रहे हैं. प्रखंड मुख्यालय स्थित बाजार पहुंचने के लिए प्रखंड के विभिन्न पंचायत के विभिन्न गांव से लोग नाव पर सवार होकर प्रखंड के विभिन्न स्थानों पर पहुंचते हैं. उसके बाद वहां से मुख्यालय स्थित बाजार पहुंचकर रोजमर्रे की वस्तुओं की खरीदारी करते हैं.
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