कटिहार. शहर के बनिया टोला में 300 वर्षों से चली आ रही जन्माष्टमी की ऐतिहासिक परंपरा का समापन सोमवार को उल्लास और भक्तिभाव के बीच हुआ. राधा-कृष्ण की भव्य पूजा-अर्चना के बाद नगरवासियों ने विसर्जन यात्रा में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. जगह-जगह पर श्रद्धालुओं ने भक्ति गीत और फूलों से झांकियों का स्वागत किया. दिनभर मंदिर परिसर में भजन-कीर्तन गूंजते रहे. विशेष प्रसाद वितरण में हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया. इसके साथ ही ब्रज संस्कृति की झलक दिखाती माटी खेल की रस्म ने लोगों का मन मोह लिया. कार्यक्रम का सबसे आकर्षक क्षण मटकी फोड़ रहा. जिसमें युवाओं ने उत्साह और जोश के साथ पारंपरिक अंदाज में भाग लिया. तालियों और जयकारों से पूरा वातावरण गूंज उठा. इस अवसर पर डॉ संदीप अग्रवाल, कार्तिक कुमार दास समेत स्थानीय गणमान्य लोग उपस्थित रहे. बच्चों ने मेले के अंतिम दिन झूलों और खिलौनों का आनंद लिया. स्थानीय लोगों ने बताया कि बनिया टोला की जन्माष्टमी महज एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि समाज को जोड़ने वाली जीवंत परंपरा है, जो हर वर्ष लोगों को भक्ति और उत्साह की नई ऊर्जा देती है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

