निगम में बिना स्वीकृत पद पर बहाली की शिकायत पर परियोजना पदाधिकारी सह अपर निदेशक सख्त
नगर निगम में 23 लोगों की अवैध नियुक्ति के विरुद्ध पार्षद ने की थी शिकायत
कटिहार. नगर निगम कटिहार हमेशा से सुर्खियों में रहा है. खासकर पूर्व नगर प्रशासक द्वारा किये गये कार्यों को लेकर बवाल होता रहा है. इसी कड़ी में अब निगम में बिना स्वीकृत पद पर तय संख्या से अधिक 23 लोगों की अवैध नियुक्ति का मामला छाया हुआ है. पार्षद प्रमोद महतो द्वारा अगस्त में निगम विकास सह आवास विभाग के अपर सचिव को की गयी शिकायत के बाद इस मामले में निगम विकास सह आवास विभाग के परियोजना पदाधिकारी सह अपर निदेशक उमाकांत पांडेय ने सख्त रवैया अपनाया है. अवैध नियुक्ति के विरुद्ध पार्षद प्रमोद महतो से प्राप्त परिवाद के संबंध में दो सितंबर को डीएम को एक पत्र भेजा है. भेजे गये पत्र में बताया गया है कि वार्ड पार्षद निगम कटिहार द्वारा तीन अलग-अलग परिवाद पत्र उपलब्ध कराया गया है, जिसमें उनके द्वारा नगर निगम कटिहार में 23 लोगों की अवैध नियुक्ति बिना स्वीकृत पद के करने, सैरातों की सुरक्षित जमा राशि को कम करने एवं बिना क्रय समिति के बनाये गये हुए सामग्री की खरीदारी करने का आरोप प्रतिवेदित करते हुए दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का अनुराेध किया गया है. उन्होंने पार्षद से प्राप्त परिवादों की छायाप्रति संलग्न करते हुए अनुरोध किया है कि वर्णित मामले की जांच कराते हुए जांच प्रतिवेदन विभाग को शीघ्र उपलब्ध करायें, जिससे उक्त मामले में आगे की कार्रवाई की जा सके. मालूम हो कि नगर निगम कटिहार में अवैध नियुक्ति के संबंध में पार्षद ने अवगत कराया था कि कटिहार नगर निगम के सभागार में 14 मार्च 2023 को एक सशक्त स्थायी समिति की बैठक आहूत की गयी. 14 मार्च 2023 के प्रोसिडिंग के अवलोकन से यह स्पष्ट होता है कि सशक्त स्थायी समिति ने अपने प्रस्ताव संख्या नौ में नामित करके बिना कोई कमेटी बनाये 23 की नियुक्ति बिना स्वीकृत, सृजित पद पर कर दी गयी.संख्या से अधिक कर ली गयी नियुक्ति
बिहार सरकार के नगर विकास एवं आवास विभाग के 29 जून 2018 के पत्र के आलोक में आउटसोर्सिंग के संबंध में नगर निगम तथा अन्य निकायों के लिए कोर पोजिशन को दिशा-निर्देश दिया गया है. स्पष्ट उल्लेख है कि एमटीएस कर्मी की संख्या नगर निगम हेतु मात्र 16 की संख्या ही निर्धारित है. उपरोक्त सशक्त स्थायी समिति के बैठक में 23 लोगों की नियुक्ति की गयी. हद तो तब हो गयी, जब सशक्त स्थायी समिति को नियुक्ति हेतु प्रस्ताव आउटसोर्सिंग को नगर निगम के माध्यम से संख्या बल के तथा निर्धारित योग्यता के आधार पर मांग पत्र सौंपना था.
चहेते लोगों की नियुक्ति करने का आरोप
पार्षद का यह भी आरोप है कि सशक्त स्थायी समिति अपने चेहते लोगों की नियुक्त नामित करके आउटसोर्सिंग के माध्यम से कर लिया. इसको लेकर बताया कि बिहार सरकार के नगर विकास एवं आवास विभाग का स्पष्ट निर्देश है कि नगर निगम या कोई शहरी, निकाय कोटि क, ख, ग में नियुक्ति नहीं करेगी. इन तीनों कोटि में नियुक्ति का अधिकार बिहार सरकार को है. जबकि कोटि (ख) में उसी सशक्त स्थायी समिति के प्रस्ताव संख्या 11 में एक की नियुक्ति नामित करके कनीय अभियंता के पद पर कर उसकी नियुक्ति के साथ उनका मासिक देय भी निर्धारित कर दिया गया.
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