कोढ़ा. कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण आत्मा कटिहार के तत्वावधान में खरीफ महा अभियान 2024 अंतर्गत खरीफ कार्यशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन ई किसान भवन कोढ़ा में दीप प्रज्वलित कर किया गया. कार्यशाला में उपस्थित किसानों के बीच खरीफ में लगने वाले फसलों के बारे में विस्तार से कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक द्वारा जानकारी दी गयी. साथ ही इस वर्ष प्रखंड के विभिन्न पंचायत में मोटे अनाज की खेती जैसे ज्वार, बाजरा, चीना, सावा, मड़वा की खेती करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित एवं प्रशिक्षित किया गया. बताया कि खरीफ वर्ष 2024-25 में कृषि विभाग बिहार सरकार द्वारा पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर मोटे अनाज की खेती पर विशेष रूप से जोर दिया जा रहा है. जिसके लिए बीज एवं उत्पादन अनुदानित मूल्य पर उपलब्ध कराया जा रहा है. जिससे किसानों की आय में वृद्धि के साथ उनके बच्चों में कुपोषण को भी दूर किया जा सके. कृषि वैज्ञानिक डॉ जावेद ने बताया कि बदलते समय के साथ किसानों द्वारा अधिक आय के लिए जिस फसल का उत्पादन किया जा रहा है. उन फसलों से बच्चों में पोषक तत्वों की पूर्ण मात्रा उपलब्ध नहीं हो पाती है. जिस कारण बदलते समय के साथ वे कुपोषित भी होते जा रहे हैं. उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि छोटे पैमाने पर भी मोटे फसलों की खेती अवश्य करें. उनका उपयोग भी करें. उनके उपयोग से विटामिन, मिनरल्स आदि की पूर्ति हो जाती है. जिससे आय के साथ पोषण भी मिल पायेगी. कार्यशाला में प्रखंड कृषि पदाधिकारी प्रदीप कुमार झा ने भी किसानों को मोटे अनाज की खेती के लिए जागरूक किया. इस मौके पर सहायक प्रोफेसर डॉ प्रवीण कुमार, तकनीकी प्रबंधक रंजीत कुमार, कृषि समन्वयक दीपक कुमार पटेल, संजय कुमार यादव, नितेश कुमार, स्नेहा कुमारी, किसान सलाहकार बालकृष्ण यादव, शशि कुमार, सुजीत कुमार सुमन, अरुण कुमार सिंह, संतोष कुमार शहीद दर्जनों किसान मौजूद थे.
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