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वर्ष 2025 में कटिहार रेल मंडल व असम में रेलवे ने दिए 42 अतिरिक्त ठहराव

वर्ष 2025 में कटिहार रेल मंडल व असम में रेलवे ने दिए 42 अतिरिक्त ठहराव

कटिहार पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने वर्ष 2025 में कटिहार व असम के चयनित स्टेशनों पर कई महत्वपूर्ण ट्रेनों के अतिरिक्त ठहराव प्रदान कर यात्रियों की सुविधा व क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है. ये अतिरिक्त ठहराव यात्रियों की मांग और परिचालन संभावना का आकलन करने के बाद शुरू किये गये हैं. जिसका मकसद अर्ध-शहरी व ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए रेल सेवाओं तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित करना है. यह पहल रेल यात्रा को और अधिक समावेशी, सुविधाजनक और यात्री-अनुकूल बनाने के लिए एनएफआर की निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाती है. वर्ष 2025 के दौरान, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने कटिहार रेल मंडल क्षेत्र के पश्चिम बंगाल में 8 रेलगाड़ियों के 10 अतिरिक्त ठहराव दिए हैं. कुमेदपुर, ओल्ड मालदा, कानकी जैसे महत्वपूर्ण स्टेशन शामिल हैं. उत्तर बंगाल में कनेक्टिविटी मज़बूत हुई है. असम में 23 महत्वपूर्ण रेलगाड़ियों के 32 अतिरिक्त ठहराव प्रदान किए हैं. राज्य की रेल कनेक्टिविटी में काफी सुधार हुआ है. ये नए ठहराव दिफू, गोवालपारा टाउन, कोकराझार, न्यू हाफलंग जैसे प्रमुख स्टेशनों पर शुरू किए गए हैं. जिससे बड़ी संख्या में रोज़ाना यात्रा करने वाले यात्रियों के साथ-साथ अंदरूनी और अर्ध-शहरी इलाकों के लंबी दूरी के यात्रियों को भी लाभ होगा. जिन प्रमुख ट्रेनों के लिए उक्त अतिरिक्त ठहराव बढ़ाए गए हैं. उनमें ब्रह्मपुत्र मेल, कामरूप एक्सप्रेस, नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस, कंचनजंगा एक्सप्रेस, अवध-असम एक्सप्रेस, कंचन कन्या एक्सप्रेस शामिल हैं. असम और पश्चिम बंगाल दोनों राज्यों के छोटे शहरों और उपनगरीय क्षेत्रों के यात्री बड़े रेलवे स्टेशन जंक्शनों पर बिना निर्भर हुए सीधे लंबी दूरी की रेल सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे. शिक्षा, रोज़गार, व्यापार और मेडिकल ज़रूरतों से जुड़ी यात्रा के लिए बेहतर विकल्प इन अतिरिक्त ठहरावों से असम और पश्चिम बंगाल के लोगों को काफी लाभ हुए हैं. छोटे शहरों और आस-पास के इलाकों के यात्रियों को अब अपने ज़रूरी गंतव्यों तक बेहतर पहुंच मिल रही है, जिससे यात्रा के समय और खर्च में बचत हो रही है. इस पहल से छात्रों, नौकरीपेशा लोगों, व्यापारियों और मरीजों को भी क्रमशः शिक्षा, रोज़गार, व्यापार और मेडिकल ज़रूरतों से जुड़ी यात्रा के लिए ज़्यादा सुविधाजनक विकल्प मिले हैं. इसके अलावा, बेहतर रेल कनेक्टिविटी से स्थानीय आर्थिक गतिविधि और पर्यटन को बढ़ावा मिला है, साथ ही बड़े स्टेशनों पर भीड़ कम हुई है. इस प्रकार यात्रियों की आवाजाही सुलभ होने के साथ-साथ परिचालन दक्षता में सुधार हुआ है. पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे इस पूरे क्षेत्र में रेल कनेक्टिविटी को निरंतर मज़बूत करने और यात्रीवाही ट्रेनों की सेवाओं को अपग्रेड करने के लिए प्रतिबद्ध है. लोगों की मांग पर अतिरिक्त ठहराव शुरू कर रेल सेवा प्रदान कर क्षेत्रीय विकास में भागीदारी करती है. कपिंजल किशोर शर्मा, सीपीआरओ एनएफ रेलवे

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