– किसानों ने कहा नहीं देंगे जमीन कटिहार जिले के मनसाही प्रखंड क्षेत्र में औद्योगिक क्षेत्र विकास के लिए भूमि अधिग्रहण मामले पर जनसुनवाई के दौरान प्रभावित किसानों ने उपस्थित पदाधिकारियों के सामने जमकर अपने आक्रोश का इजहार किया. अपनी जमीन देने से साफ इनकार कर दिया. किसानों ने एकमत से औद्योगिक क्षेत्र विकास के लिए चिन्हित मरंगी व फुलहारा के क्रमशः नारायणपुर व बसंतपुर मौजा की 252 एकड़ जमीन अधिग्रहण पर पुरजोर विरोध व आक्रोश व्यक्त करते हुए इसे वापस लेने की मांग की. प्रखंड क्षेत्र के काली मंदिर एवं पंचायत भवन परिसर में आयोजित जनसुनवाई के दौरान उपस्थित पदाधिकारी को भारी आक्रोश का सामना करना पड़ा. उपरोक्त जनसुनवाई बैठक एशियन डेवलपमेंट रिसर्च इंस्टीट्यूट आद्री के सौजन्य से सामाजिक प्रभाव आकलन के तहत आयोजित किया गया था. क्या है मामला अधिग्रहण के लिए चिन्हित बसंतपुर व नारायणपुर मौजा की 252 एकड़ जमीन पर उद्योग लगाने के फैसले व इससे जुड़े तमाम कार्यवाहियों का यहां के किसान आरंभ से ही विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है.कि यह भूमि बेहद उपजाऊ है. यहां के किसानों व खेतिहर कामगारों समेत हजारों लोगों की आजीविका का एकमात्र साधन है. इसलिए वे किसी भी हाल में अपनी जमीन उद्योग स्थापित करने के लिए नहीं देंगे. भारी शोर शराबे और जबरदस्त विरोध के बीच किसान अधिग्रहण के किसी मसले पर बातचीत के लिए तैयार नहीं हुए. उन्होंने एक स्वर से सरकार के ऐसे किसान और कामगार विरोधी प्रस्ताव का विरोध करते हुए इसे खारिज करने की मांग की. इस मामले को लेकर पटना उच्च न्यायालय में किसानों ने वाद दर्ज कराया है. जिसकी सुनवाई जारी है. जिलाधिकारी के निर्देश पर आंद्री के सौजन्य सामाजिक प्रभाव आकलन के उद्देश्य से यह जनसुनवाई बैठक रखी गई थी. बैठक में अपर जिला भू अर्जन पदाधिकारी शंभूनाथ राम, जिला उद्योग महाप्रबंधक सोनाली शीतल, आद्री के फील्ड सुपरवाइजर सैयद हुसैन,अंचल अधिकारी इस्माइल व डीआईसी के कर्मी उपस्थित रहे. बैठक के दौरान आक्रोशित किसानों ने पदाधिकारियों से बैठक कार्रवाई में किसानों का अधिग्रहण को लेकर विरोध व जिलाधिकारी और संबंधित विभाग तक इस रिपोर्ट को पहुंचाने के लिए पदाधिकारी से बैठक कार्रवाई पंजी पर हस्ताक्षर कराया. कहते हैं.मुखिया मरंगी मुखिया व अधिग्रहण में प्रभावित किसान वह आदि ग्रहण विरोध संघर्ष मोर्चा के नेतृत्वकर्ता शंकर कुमार यादव ने कहां कि यह एक बेहद अमानवीय फैसला है. जिसका सभी किसानों विरोध करते हैं. सरकार और प्रशासन चाहे जो कर ले वह अपनी जान दे देंगे. लेकिन अपनी जमीन नहीं खोयेंगे. इस जनसुनवाई बैठक के दौरान सरकार और प्रशासन से अविलंब इसे वापस करने की मांग करते हैं. इस मौके पर प्रभावित किसानों समेत बड़ी संख्या में स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी मौजूद रहे. इस अवसर प्रो जगदीश चंद्र, प्रखंड प्रमुख प्रतिनिधि गौतम सिंह, सुमित अन्य लोगों ने बैठक में उपस्थित हुए.
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