27 अगस्त को प्रसव पीड़ा के कारण सदर अस्पताल में पीड़ित को कराया था भर्ती कराया कटिहार सदर अस्पताल में प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत के मामले ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिये हैं. पोठिया थाना क्षेत्र के रामनगर निवासी लप्पी देवी को 27 अगस्त को प्रसव पीड़ा के कारण सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. परिजन का आरोप है कि डॉक्टरों की लापरवाही और समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण जच्चा और बच्चा दोनों की मौत हो गई थी. मामले की गंभीरता को देखते हुए सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र सिंह ने जांच टीम गठित कर दी है. तीन सदस्यीय टीम में डीएचएस के डीपीएम डॉ किसलय कुमार, डॉ आर सुमन, डॉ एस सरकार को शामिल किया गया है. टीम को एक सप्ताह के भीतर पूरी घटना की जांच कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है. सिविल सर्जन ने स्पष्ट किया है कि यदि जांच में इलाज में लापरवाही की पुष्टि होती है तो संबंधित चिकित्सक व कर्मियों पर विधि-सम्मत कार्रवाई की जायेगी. मृतका के परिजनों का कहना था कि अस्पताल में उचित देखभाल और तत्परता बरती जाती तो लप्पी देवी और उनके नवजात की जान बचाई जा सकती थी. इससे पूर्व भी सदर अस्पताल में इलाज में लापरवाही की शिकायतें सामने आती रही हैं. अब देखना यह होगा कि जांच टीम की रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर क्या कार्रवाई होती है. क्या वाकई स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार के ठोस कदम उठाये जाते हैं.
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