कोढ़ा. कोढ़ा नगर पंचायत क्षेत्र के महेशपुर बॉर्डर स्थित सोतीपार के निकट इन दिनों कचरे का अंबार ग्रामीणों की बड़ी समस्या बन चुका है. नगर पंचायत ने लगातार यहां कचरा डंप किए जाने से उठ रही तीखी दुर्गंध ने आसपास की घनी आबादी का जीना दुश्वार कर दिया है. ग्रामीणों का कहना है कि घरों में बदबू इतनी भर जाती है कि छोटे-छोटे बच्चे तक बीमार पड़ने लगे हैं. संक्रमण का डर अब तेजी से बढ़ रहा है. स्थानीय लोगों ने कई बार नगर पंचायत के पदाधिकारियों को इसकी जानकारी भी दी, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है. ग्रामीणों का स्पष्ट कहना है कि आबादी के बीच कचरा फेंकना न सिर्फ नियमों के विरुद्ध है, बल्कि मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों के लिए खतरनाक है. कचरा डंपिंग के लिए नगर पंचायत को आबादी से दूर निर्धारित स्थल का उपयोग करना चाहिए, लेकिन लापरवाही ने अब समस्या को और गंभीर बना दिया है. स्वच्छ भारत अभियान के तहत पूरे प्रदेश में कचरा प्रबंधन को सुदृढ़ बनाने के लिए कचरा नष्ट करने के लिए सुविधाएं उपलब्ध करायी गयी हैं, लेकिन कोढ़ा नगर पंचायत की स्थिति इस अभियान की वास्तविकता पर सवाल खड़े करती है. सरकार से लेकर प्रशासन तक स्वच्छता की बार-बार अपील की जाती है. फिर भी कई जगह यह सपना अधूरा ही दिखता है. ग्रामीणों ने मांग की है कि तत्काल इस स्थल से कचरा डंपिंग बंद की जाय. नियमित सफाई की जाए और उचित स्थान पर वैज्ञानिक तरीके से कचरा प्रबंधन सुनिश्चित किया जाए, ताकि स्वास्थ्य संकट को रोका जा सके.
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