– प्रातः कालीन पठन पाठन नहीं होने से गर्मी में बढ़ी बच्चों की परेशानी कटिहार जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले कई दिनों से भीषण गर्मी व तपती धूप से लोग परेशान हैं. इस गर्मी व धूप से हर आयु वर्ग के लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. पर अभी भी कई निजी विद्यालय के बच्चे का दोपहर में ही स्कूल आना जाना होता है. हालांकि शिक्षा विभाग के दिशानिर्देश के आलोक में सात अप्रैल से ही प्रातः कालीन पठन-पाठन को लेकर आदेश जारी किया है. पर इस आदेश का अनुपालन कई निजी विद्यालय नहीं कर रहे है. ल्लेखनीय है कि आमतौर पर अप्रैल में सभी विद्यालयों का पठन-पाठन प्रात: कालीन हो जाता है. यही वजह है कि शिक्षा विभाग के दिशानिर्देश के आलोक में जिले के सभी सरकारी विद्यालय व अधिकांश निजी विद्यालय ने सात अप्रैल से पठन पाठन प्रातः कालीन कर दिया है. अधिकांश विद्यालय शिक्षा विभाग के आदेश का अनुपालन कर रहे है. पर रामकृष्ण विद्या मंदिर (आरके मिशन) सहित कई निजी विद्यालय अभी भी पठन-पाठन प्रातः कालीन नहीं किया है. ऐसे विद्यालय के बच्चे को दोपहर में ही विद्यालय आना होता है तथा दोपहर में ही विद्यालय से घर लौटना पड़ता है जिससे उनकी परेशानी काफी बढ़ गयी है. जिला शिक्षा विभाग की ओर से भी कोई अधिकारी निरीक्षण नहीं करते हैं कि कौन विद्यालय प्रातः कालीन चल रहा है. हालांकि गुरुवार को इस संबंध में जब प्रारंभिक शिक्षा व समग्र शिक्षा अभियान के प्रभारी जिला शिक्षा कार्यक्रम पदाधिकारी एमडीएम रविंद्र प्रकाश से दूरभाष पर बात हुई तो उन्होंने साफ कह दिया कि विभागीय निर्देश क्या है. उसको देखने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है. हालांकि जिस तरह शिक्षा विभाग के अधिकारी कह रहे है. उससे लगता है कि शिक्षा विभाग के नियंत्रण से बाहर निजी विद्यालय का संचालन हो रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह की भी भीषण गर्मी एवं तपिश से बच्चों की परेशानी बढ़ी है. उससे बच्चों की स्थिति बिगड़ सकती है. इसलिए निजी विद्यालय को भी प्रातः कालीन पठन पाठन की व्यवस्था करनी चाहिए. कई लोगों ने जिला पदाधिकारी से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग करते हुए निजी विद्यालय को भी प्रातः कालीन संचालन के लिए आदेश जारी करने की मांग की है कहते है डीपीओ ——————– प्रारंभिक शिक्षा एवं समग्र शिक्षा अभियान के प्रभारी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी रविंद्र प्रकाश ने गुरुवार की शाम को पूछने पर उन्होंने बताया कि निजी विद्यालय के संचालन को लेकर विभागीय दिशानिर्देश क्या है. उसको देखने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.
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