– मां दुर्गा की पहली स्वरूप शैलपुत्री की पूजा अर्चना के साथ पहले दिन की पूजा की होगी शुरुआत कटिहार कलश स्थापना के साथ आज से चैत्र नवरात्रा प्रारंभ हो जायेगी. मां दुर्गा के पहली स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना के साथ पहला पूजा प्रारंभ हो जायेगा. इसको लेकर श्रद्धालुओं की ओर से सारी तैयारियां पूरी कर ली गई है. दूसरी तरफ शहर के सभी दुर्गा मंदिर में श्रद्धालुओं के आगमन को लेकर अपने अंतिम तैयारी पूरी कर लिये हैं. कटिहार की ऐतिहासिक बड़ी दुर्गा मंदिर में भी पूजा को लेकर सारी तैयारियां पूरी कर ली गई है. इस वर्ष भी सामूहिक रूप से दुर्गा स्थान मंदिर में कलश स्थापना श्रद्धालु करेंगे. मंदिर के पुजारियों की ओर से कलश स्थापना किया जायेगा. हालांकि सामूहिक रूप से कलश स्थापना करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या चैत्र नवरात्रा में कम होती है. लेकिन सुबह और शाम दुर्गा मंदिर में होने वाले महा आरती में श्रद्धालुओं की भीड़ जरूर उमड़ती हैं. पूजा को लेकर मंदिर में सारी तैयारियां अंतिम चरण पर रही. दूसरी तरफ घर पर भी कलश स्थापना को लेकर श्रद्धालु अपनी तैयारी पूरी कर लिए हैं. शनिवार के दिन शाम तक बाजार में पूजा सामग्री की खरीदारी श्रद्धालु करते दिखे. पूजा दुकानों पर खरीदारी को लेकर भीड़ लगी रही. हाथी पर सवार होकर मां का हो रहा आगमन इस वर्ष मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आ रही है. इस संदर्भ में बड़ी दुर्गा मंदिर के पुजारी अजय मिश्र ने बताया की हिंदू धर्म में किसी भी धार्मिक अनुष्ठान से पहले कलश स्थापना की जाती है. नवरात्रि में दुर्गा की घटस्थापना या कलश स्थापना के बाद देवी मां की चौकी स्थापित की जाती है. 9 दिनों तक इन देवियों का पूजन-अर्चन किया जाता है. नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा की जाती है. सालभर में कुल चार नवरात्र आते हैं. जिसमें चैत्र और शारदीय नवरात्रि का महत्व काफी ज्यादा होता है. माना जाता है कि नवरात्रि में माता की पूजा-अर्चना करने से देवी दुर्गा की खास कृपा होती है. मां दुर्गा की सवारी वैसे तो शेर है. लेकिन जब वह धरती पर आती हैं तो उनकी सवारी बदल जाती है. इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आ रही है. मां दुर्गा का हाथी पर सवार होकर आना बहुत ही शुभ संकेत माना जाता है. हाथी को सुख-समृद्धि और शांति का प्रतीक माना जाता है. माता जब हाथी पर सवार होकर आती हैं तो यह किसानों के लिए एक बहुत ही शुभ संकेत होता है. इसका अर्थ है कि इस साल अच्छी फसल होगी और बारिश की भी कमी नहीं होगी. कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 06:13 से 10:22 मिनट तक रहेगा. क्षेत्र के मंदिरों में चैत्र नवरात्रा पूजा की तैयारी पूरी कुरसेला दुर्गा मंदिरों में चैत्र नवरात्री पूजा आयोजन की तैयारी अंतिम चरण में है.क्षेत्र के विभिन्न मंदिरों में नवरात्रा अनुष्ठान पूजा का कार्य रविवार से प्रारम्भ हो जायेगा. ग्रामीण क्षेत्रों में नवरात्रा पर व्रत पूजा अनुष्ठान के कार्य प्रारम्भ करने के लिए श्रद्धालु जुट गये है. अयोध्यागंज बाजार स्थित वैष्णोदेवी दुर्गा मंदिर में नवरात्रा पूजा आयोजन की तैयारी पूरी कर ली गयी है. दुर्गा पाठ के साथ आरती भजन आदि अध्यात्मिक कार्य रविवार से यहां प्रारम्भ हो जायेगा. मंदिर समिति नवरात्रा पुजा को लेकर तत्पर हो गये है. नवरात्रा पर मंदिर में विविध तरह का धार्मिक आयोजन किया जाता है. प्रथम पुजा से सुबह से रात तक मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ जाती है. इसी तरह कटरिया चौक स्थित चैती दुर्गा मंदिर में रविवार को कलश स्थापन के साथ पाठ पुजा का कार्य प्रारम्भ हो जायेगा. पुजा आयोजन को लेकर मंदिर समिति व श्रद्धालुओं में उत्साह बना हुआ है. मंदिर में वेदिक मंत्रों से प्रतिमा का स्थापना किया जायेगा. मां दुर्गा के प्रतिमा का भक्तजनों के दर्शन के लिये धार्मिक अधार पर नियमत खोला जायेगा. चैती नवरात्रा पर मंदिर परिसर में मेला लगाया जाता है. मंदिर में पूजा के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है. मंदिर के आलावा अन्य स्थानों पर चैत्र नवरात्र पर पाठ पूजा का आयोजन किया जाता है.
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