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बदलते मौसम के बीच बच्चे निमोनिया के हो रहे शिकार, सावधानी जरूरी, डॉ विनकर

बदलते मौसम के बीच बच्चे निमोनिया के हो रहे शिकार, सावधानी जरूरी, डॉ विनकर

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– सबसे अधिक बच्चे हो रहे बीमार, निमोनिया के सबसे ज्यादा हो रहे शिकार कटिहार बदल रहे मौसम के कारण इन दिनों लोग बीमार पड़ रहे है. खास कर बच्चों के स्वास्थ्य पर इनका पूरा प्रभाव पड़ रहा है. बच्चों में सर्दी, खांसी, बुखार के मामले इन दिनों काफी बढ़ गये हैं. सदर अस्पताल से लेकर निजी क्लिनिकों में सबसे ज्यादा इलाज के लिए बच्चे इन दिनों पहुंच रहे हैं. सदर अस्पताल के विशेषज्ञ चिकित्सा पदाधिकारी डॉ एसपी विनकर बताया की सर्दी हो या गर्मी मौसम जब जब बदलता है. कई तरह की बीमारियां भी लेकर आता है. अब ठंड का मौसम जाने के कगार पर है. ऐसे में कभी ठंड तो कभी गर्मी का अनुभव लोग खासकर बच्चों के शरीर का तालमेल नहीं बैठ पा रहा है. सबसे ज्यादा इन दिनों बच्चे बीमार पड़ रहे हैं. ऐसे में छोटे बच्चों के अभिभावकों को बच्चे के सेहत को लेकर और ज्यादा सचेत होने की जरूरत है. डॉ विनकर ने बताया की बदलते मौसम में बच्चों में जो बीमारी सबसे ज्यादा देखने को मिलती है वह है निमोनिया. छोटे बच्चों को इस बीमारी का खतरा सबसे ज्यादा होता है या फिर ऐसे बुजुर्ग जिनकी इम्युनिटी पावर कमजोर हो गई है. उनको भी निमोनिया का खतरा काफी रहता है. निमोनिया एक संक्रमण से फैलने वाला रोग है. हमारे फेफड़े प्रभावित होते हैं. बच्चों में दिखने वाले निमोनिया के तीन लक्षण होते है. छोटे बच्चे जब निमोनिया की चपेट में आ जाते हैं तो उन्हें कई तरह की समस्याएं होती हैं. जिसमें तेज बुखार एक है. निमोनिया सर्दी के कारण पैदा हुआ एक रोग है. जिसे ठीक करने के लिए हमारा शरीर अपने तापमान को बढ़ाता है. जिसे हम बुखार कहते हैं. हालांकि निमोनिया के पीड़ित बच्चे को काफी तेज और लगातार बुखार रहता है. जो संक्रमण खत्म होने के साथ ही कम हो पाता है. बहुत तेज सांस चलना भी निमोनिया के लक्षण है. संक्रमण के कारण फेफड़ों की होल्ड करने की क्षमता होती है प्रभावित निमोनिया के पीड़ित की सांस काफी तेज चलती हैं. जिसके पीछे के कारण की बात करें तो फेफड़ों का ठीक से काम न करना है. निमोनिया रोग में फेफड़े अपना काम ठीक से नहीं कर पाते हैं. जिससे बच्चे बहुत तेज सांस लेने लगते हैं. संक्रमण के कारण फेफड़ों की होल्ड करने की क्षमता भी कम हो जाती है. जिससे सांस काफी तेज चलती हुई महसूस होती है. तीसरा बलगम के साथ खांसी आना, यदि बच्चा लंबे समय से खांसी से परेशान है तो इसका मतलब है कि उसे निमोनिया ने अपनी चपेट में ले लिया है. खांसी बच्चों में निमोनिया का एक सबसे आम लक्षण है. निमोनिया के कारण होने वाली खांसी में काफी कफ बनता है. सामान्य तौर पर बच्चों के इस लक्षण को स्टेथोस्कोप की मदद से आवाज सुनकर या छाती का एक्सरे निकालकर इसे जान सकते है. डॉ विनकर ने बताया कि यदि बच्चों में लंबे समय से इस तरह के लक्षण दिखाई पड़ रहे हैं तो ऐसी अवस्था में बच्चों को फौरन किसी शिशु रोग विशेषज्ञ के पास दिखायें. डॉ विनकर ने अभिभावकों से खासकर के इस मौसम में अपील कि की अभी का मौसम सामान्य नहीं है. कभी ठंड तो कभी गर्म का अनुभव लगातार हो रहा है. ऐसे में बच्चों को सबसे ज्यादा देखभाल करने की जरूरत है. अभी बच्चों को गर्म कपड़ों से दूर न करें. साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें. बच्चों के आहार का पूरा ख्याल रखें, साथ ही बड़े लोग भी अभी के मौसम में अपना ख्याल रखे. गर्म कपड़ों को एकदम से अपने से दूर न करें.

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