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कटिहार को मिले तोहफा, लोगों को आस

कटिहार : केंद्र सरकार की ओर से बुधवार को पेश किये जाने वाले आम बजट से कटिहार के लोगों की उम्मीदें बंधी हुई है. आम बजट के साथ ही रेल बजट भी संयुक्त रूप से पेश होगी. ऐसे में रेलवे के क्षेत्र में भी कटिहार को कुछ तोहफा मिलने की उम्मीद लोगों में जगी है. […]

कटिहार : केंद्र सरकार की ओर से बुधवार को पेश किये जाने वाले आम बजट से कटिहार के लोगों की उम्मीदें बंधी हुई है. आम बजट के साथ ही रेल बजट भी संयुक्त रूप से पेश होगी. ऐसे में रेलवे के क्षेत्र में भी कटिहार को कुछ तोहफा मिलने की उम्मीद लोगों में जगी है. अब तक आम बजट व रेल बजट अलग-अलग पेश होता था. करीब 92 वर्ष के बाद पहली बार आम बजट में समाहित होकर रेल बजट पेश होगी. वित्त मंत्री अरुण जेटली यह बजट पेश करेंगे. हालांकि बजट से कटिहार को हमेशा ही उपेक्षा मिली है.

पिछले दो दशक से कटिहार रेलवे के क्षेत्र में हाशिये पर चले गयी है. दूसरी तरफ औद्योगिक नगरी के रूप में ख्याति प्राप्त करने वाला कटिहार आज उद्योग के नाम पर वीरान हो चुका है. अन्य वर्षों की तुलना में इस बार भी कटिहार वासी को संयुक्त रूप से पेश होने वाले आम बजट से काफी उम्मीदें है. लोगों की उम्मीद कितनी पूरी होती है यह बुधवार को ही पता चलेगा. उल्लेखनीय है कि वर्षों से बजट में उपेक्षित रहने की वजह से कटिहार का समग्र विकास ठहर गया है. कभी रेलवे व उद्योग के लिए कटिहार का नाम राष्ट्रीय फलक पर था.
रेलवे के क्षेत्र में तोहफा मिलने की लोगों को है उम्मीद : कभी रेलवे के क्षेत्र में कटिहार का नाम हुआ करता था. कई लंबी दूरी की ट्रेनें यहां से खुलती थी. लेकिन कालंतर में केंद्र सरकार की उपेक्षा की वजह से कटिहार रोड साइड स्टेशन बनकर रह गया है. यहां से खुलने वाली लंबी दूरी की अधिकांश ट्रेनों को विस्तार कर दूसरे स्टेशनों पर पहुंचा दिया गया. फिलहाल एक मात्र आम्रपाली एक्सप्रेस ट्रेन ही कटिहार से अमृतसर के लिये खुलती है.
कटिहार से अब तक दक्षिण भारत के लिये एक भी सीधी ट्रेन नहीं है. जबकि दक्षिण भारत के लिये सीधी ट्रेन नहीं होने की वजह से कटिहार सहित सीमांचल के लोगों को अत्यधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है. साथ ही कटिहार से दिल्ली सहित अन्य बड़े शहरों के लिये सीधी ट्रेन नहीं होने की वजह से भी परेशानी होती है. स्थानीय जनप्रतिनिधि सहित व्यावसायिक संगठनों ने भी वर्षों से लंबी दूरी की ट्रेनों सहित अन्य सुविधाओं की मांग पूर्ववर्ती यूपीए व वर्तमान एनडीए सरकार से करती रही है. लेकिन आज तक यह मांग पूरी नहीं हुई. बुधवार को पेश होने वाले आम बजट से एक बार फिर लोगों को उम्मीद बंधी है.
उद्योग नगरी के रूप में लौटेगा कटिहार : बुधवार को पेश होने वाली आम बजट में कटिहार को कुछ मिलेगा ऐसा उम्मीद लोगों का है. खासकर उद्योग के क्षेत्र में कटिहार को लाभ मिलेगा. इस तरह की उम्मीद लोग जता रहे हैं.
हालांकि पिछले दो दशक से कटिहार को उद्योग नगरी के रूप में सिमटता चला गया. यह जिला कभी औद्योगिक नगरी के रूप में राष्ट्रीय क्षितिज पर जाना जाता था. पिछले दो दशक से यहां का सभी उद्योग लगभग बंद ही हो गया. कटिहार का जूट मिल अंतिम सांसें गिन रहा है. केंद्र सरकार की उपेक्षा की वजह से औद्योगिक प्रतिष्ठान के बंद हो जाने से हजारों लोग बेरोजगार हो गये हैं. जूट मिल के मजदूर भुखमरी की कगार पर पहुंच गये हैं. जूट मिल के अलावे यहां दिया सलाइ फैक्टरी, फ्लावर मिल, कूट फैक्टरी, चापाकल फैक्टरी सहित कई अन्य तरह का कारखाना चल रहा था, आज लगभग सभी बंद हो चुकी हैं.
रेल की खाली जमीन पर लग सकती है फैक्टरी
कटिहार जिला मुख्यालय में रेलवे की खाली पड़ी 111 एकड़ जमीन पर वर्षों से रेलवे से जुड़ी फैक्टरी लगाने की मांग भी उठती रही है. जबकि राजनीतिक कारणों से दूसरे जिले में रेलवे की जमीन नहीं होने के बावजूद करोड़ों रुपया में जमीन अधिग्रहण कर रेलवे फैक्टरी लगा रही है. कटिहार की खाली पड़ी जमीन पर स्लीपर फैक्टरी, कोच फैक्टरी सहित अन्य कोई बड़ी परियोजना रेलवे के की ओर से स्थापित की जा सकती है. लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. रेलवे की खाली पड़ी जमीन पर रेलवे कोई फैक्टरी या परियोजना स्थापित करती है तो इससे न केवल रेलवे को राजस्व का फायदा होगा. बल्कि हजारों लोगों को रोजगार भी मिलेगा. हर साल पेश होने वाली रेल बजट की पहले से लोग खाली पड़ी जमीन पर कोई बड़ी परियोजना स्थापित करने संबंधी घोषणा का इंतजार करते हैं. लेकिन लोगों को अब तक निराशा ही हाथ लगी है. इस बार भी लोग इसी तरह की उम्मीद पाले हुए हैं.

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