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मुख्य सरगना की तलाश फरजी आर्मी बहाली. वसूली करने वालों को भेजा जेल

एसपी व आर्मी इंटेलीजेंस के नेतृत्व में शुक्रवार को पुलिस ने छापेमारी कर राशि लेकर आर्मी में बहाली करने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार किया था, जिन्हें शनिवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. कटिहार : फरजी तरीके से आर्मी बहाली करने के मामले में धराये तीन लोगों को कड़ी पूछताछ के बाद शनिवार […]

एसपी व आर्मी इंटेलीजेंस के नेतृत्व में शुक्रवार को पुलिस ने छापेमारी कर राशि लेकर आर्मी में बहाली करने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार किया था, जिन्हें शनिवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.

कटिहार : फरजी तरीके से आर्मी बहाली करने के मामले में धराये तीन लोगों को कड़ी पूछताछ के बाद शनिवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. एसपी व आर्मी इंटेलीजेंस के नेतृत्व में शुक्रवार को पुलिस ने छापेमारी कर राशि लेकर आर्मी में बहाली करने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने आर्मी बहाली में मेडिकल देने आये 21 अभ्यर्थियों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर उन सभी छात्रों को छोड़ दिया है.
पुलिस ने मौका स्थल से 25-25 हजार के कई चेक, मोबाइल व इंडियन आर्मी, असम राइफल्स सहित पारा मिलिट्री फोर्स के कई फर्जी आवेदन को जब्त किया है. इसमें अभ्यर्थियों के फोटो तथा उनके मार्क्ससीट आदि भी शामिल हैं. शुक्रवार की रात एसपी डॉ सिद्धार्थ मोहन जैन ने प्रेस कान्फ्रेंस कर कहा कि कई महीनों से फर्जी आर्मी बहाली की सूचना उन्हें प्राप्त हो रही थी.
मामले की जानकारी आर्मी इंटेलीजेंस को भी थी. उनके नेतृत्व में कटिहार पुलिस ने शहर के वैशाली होटल सहित कटिहार रेलवे स्टेशन पर छापेमारी कर तीन लोगों को गिरफ्तार किया था. वैशाली होटल में आये मेडिकल देने 21 अभ्यर्थियों को पुलिस ने हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ कर शनिवार को छोड़ दिया. इनमें बेतिया, सुपौल, चंपारण सहित पटना व अन्य जिलों के अभ्यर्थी शामिल थे. एसपी ने अभ्यर्थियों को ऐसे बिचौलियों से सावधान रहने की नसीहत दी.
कई अहम सुराग मिले : अमित के पास से बरामद मोबाइल में एसपी के हाथ कुछ ऐसे भी दस्तावेज हाल लगे हैं, जिससे यह प्रमाणित होता है कि संभवत: इस पूरे प्रकरण में कहीं न कहीं बड़े लोगों व संबंधित विभाग के लोगों की भी संलिप्ता है. एसपी डॉ सिद्धार्थ मोहन जैन को जांच के क्रम में कुछ ऐसे नाम मोबाइल फोन से बरामद हुए हैं, जो उस ओर इशारा कर रहे हैं. अब पुलिस मामले को खंगालने में जुटी है. फिलहाल पुलिस हर एक बिंदू पर जांच कर रही है. वहीं आर्मी इंटेलीजेंस के भी अधिकारी इससे इनकार नहीं कर रहे हैं. इंटेलीजेंस अधिकारी ने कहा संभवत: इस प्रकार की आशंका दिख रही है. जांच के बाद ही मामला सामना आयेगा कि इस प्रकरण में आर्मी के किसी व्यक्ति की संलिप्ता है या नहीं.
गिरफ्तार आरोपित व प्रेस कॉन्फ्रेंस करते एसपी.
आरोपितों में एक खगडिया, दूसरा बेतिया व तीसरा सीतामढ़ी का
पुलिस गिरफ्त में आये लोगों में असेश्वर प्रसाद बेतिया निवासी एवं दूसरा केदार सिंह सितामढ़ी निवासी है. पुलिस ने जब इन दोनों से पूछताछ की तो इन लोगों में फर्जी आर्मी बहाली में अपनी संलिप्ता को स्वीकार कर लिया. साथ ही बताया कि इन लोगों की मेडिकल जांच होनी थी. इन लोगों से पूछताछ के क्रम में अमित कुमार रंजन खगड़िया निवासी के अंडर में जिला स्तर पर आर्मी में बहाली के लिए अभ्यर्थियों को तलाशते थे. उससे राशि का लेन देन असेश्वर प्रसाद व केदार सिंह ही करते थे.
आर्मी बहाली को लेकर ढाई से तीन लाख रुपये प्रति अभ्यर्थी रेट तय था. एसपी ने बताया कि अमित कुमार रंजन कोलकाता निवासी राजू पटेल के अंडर में काम करता था. अमित का काम बिहार में फर्जी आर्मी बहाली करना था. इसके लिए उसे 30 हजार रुपये महीना मानदेय दिया जाता था. अब पुलिस मुख्य सरगना राजू पटेल को गिरफ्तार करने के प्रयास में जुटी है.

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