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650 बेड वाले जनरल हॉस्टल के निर्माण को नहीं मिली विवि की स्वीकृति

650 बेड वाले जनरल हॉस्टल के निर्माण को नहीं मिली विवि की स्वीकृति

अलविदा 2025, – डीएस कॉलेज में विकास को लेकर विश्वविद्यालय भेजी गयी अधर में रह गयी योजनाएं – लाइब्रेरी कैंटीन समेत कई सुविधाओं से लैस योजनाएं इंतजार करते बीत गया साल – लाइब्रेरी के लिए मल्टीपरपस बिल्डिंग व ऑडिटोरियम रिपेयरिंग के लिए भी तीन साल से फांक रही फाइल धूल कटिहार 2025 अब अपने अंतिम ढलान पर है. यह कुछ दिन का मेहमान रह गया है. नये वर्ष में शिक्षा के क्षेत्र में भले ही नयी योजनाओं पर कार्य करने के लिए नये वर्ष का विभाग इंतेजाररत है. लेकिन 2025 में जिन योजनाओं पर कार्य होनी थी. अधिकांश योजनाएं अधर में रह गयी. खासकर पूवोत्तर बिहार का नामी गिरामी पूर्णिया विवि का अंगीभूत इकाई डीएस कॉलेज को हाईटेक बनाने के पीछे कई योजनाएं बनायी गयी. जिस पर कार्य नहीं होने की वजह से चारागाह में तब्दील है. इसमें एक जेनरल हॉस्टल में 650 बेड का हॉस्टल निर्माण भी शामिल है. करीब एक करोड़ का स्टीमेंट बनाकर विवि को पिछले करीब तीन वर्ष पूर्व भेजी गयी. 2025 अब कुछ दिन का मेहमान रह गया है. लेकिन डीएस कॉलेज में विकास को लेकर पूर्णिया विवि भेजी गयी अधिकांश योजनाएं अधर में रह गयी. 650 सैय्यावाला जेनरल हॉस्टल बिल्डिंग निर्माण इस वर्ष भी गुजरने के कगार पर है. अब तक विवि से स्वीकृति नहीं मिलने से शिक्षक व शिक्षाविदों में मायूसी छायी है. अधिकांश कर्मचारियों व अभाविप के प्रांत सह मंत्री विनय कुमार सिंह, विभाग सह संयोजक विक्रांत सिंह, रवि सिंह, राजा यादव समेत अन्य की माने तो पूर्व प्राचार्य डॉ संजय कुमार सिंह के कार्यकाल में भी इस योजना की स्टीमेंट सुधार कर विवि भेजा गया था. इसके बाद भी कोई पहल नहीं होने से ठंडे बस्ते में रह गया. उक्त हॉस्टल में ई लाइब्रेरी, कैंटिन समेत कई तरह की सुविधा बहाल के साथ सुधार कर भेजी गयी थी. मालूम हो कि पुराना जेनरल हॉस्टल जो पूरी तरह से जर्जर व बंद है. इसी के जगह पर नये करीब साढ़े छह सौ सैय्या वाला हॉस्टल निमाण करने के लिए प्लानिंग की गयी थी. दूसरी योजना करीब दस लाख से बाउंड्रीवाल निर्माण के लिए विवि स्वीकृति के लिए भेजी गयी थी. यह भी साल बीतने के बाद अब तक स्वीकृति के प्रतिक्षा में है. कर्मियों का कहना है कि लाइब्रेरी के लिए भी स्टीमेट प्लान कर निर्माण की स्वीकृति के लिए विवि भेजी गयी थी. वह भी अधर में है. मल्टीपर्पस बिल्डिंग और ऑडीटोरियम मरम्मत के लिए भी भेजी गयी योजना की फाइले धूल फांक रही है.

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