– पांच करोड़ से अधिक की राशि का भुगतान नहीं होने से मजदूर परेशान आजमनगर प्रखंड के 51036 मनरेगा मजदूरों को 54 दिनों तक काम करने के बाद भी मजदूरी मद की राशि का भुगतान लंबित है. मजदूरों को मजदूरी की राशि भुगतान नहीं होने की स्थिति में मजदूरों की एक ओर आर्थिक स्थिति खराब हो गयी है. दूसरी तरफ मजदूर पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं. मजदूरों को मजदूरी मद की राशि भुगतान नहीं होने की स्थिति में मजदूर आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे हैं. एक तरफ केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार मनरेगा में मजदूरों को 100 दिनों के रोजगार गारंटी की जवाबदेही तय किए हुए हैं. लेकिन यहां तो 54 दिनों से कार्य के विरुद्ध मजदूरों को श्रम दिवस की राशि नहीं मिली है. जो चिंता का विषय बना हुआ है. राशि भुगतान नहीं होने की स्थिति में लोग मनरेगा में काम करना नहीं चाह रहे हैं. ऐसी स्थिति में अगर समय रहते भुगतान नहीं होता है तो निश्चित तौर पर आने वाले दिनों में मनरेगा में कार्य करने के लिए जनप्रतिनिधियों को मजदूर ढूंढते नहीं मिलेंगे. मनरेगा कार्यालय से जानकारी के मुताबिक आजमनगर प्रखंड क्षेत्र में कुल मजदूरों की संख्या 81 हजार 515 के विरुद्ध सक्रिय मजदूर सिर्फ 51 हजार 36 है. इन मजदूरों को 54 दिनों से राशि भुगतान नहीं होने की स्थिति में मनरेगा योजना के क्रियान्वयन पर सवाल उठ रहे हैं. सूत्रों के अनुसार कुल बकाया राशि रुपये 5 करोड़ 20 लाख 68 से भी अधिक मजदूरी मद की राशि भुगतान के प्रतिक्षा में51036 मजदूर हैं. कहते हैं मनरेगा पदाधिकारी मनरेगा पदाधिकारी अनवर कलीम ने जानकारी देते हुए कहा करीब 5 करोड़ से अधिक की राशि की मजदूरी का भुगतान मजदूरों को होना है. प्रखंड कार्यालय से एफटोओ बनाकर कार्यालय को भेज दिया गया है. जल्द ही भुगतान होने की संभावना है. उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि मनरेगा के मजदूरों को मजदूरी नहीं मिलने की स्थिति में काफी दिक्कतें उत्पन्न हो रही है. भुगतान के लिए लगातार प्रयास जारी है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है