– कोलकाता नीनफ़ीट से पांच दिवसीय प्रशिक्षण लेकर डीएओ के साथ कटिहार लौट सभी किसान – किसानों ने प्रशिक्षण को ले अलग-अलग जाहिर की प्रतिक्रिया – कहा जूट की रेशे से सामान बनाकर किसान बनेंगे स्वावलंबी आर्थिक रूप से होंगे मजबूत कटिहार जिले के अलग-अलग प्रखंडों से 25 किसान जूट की खेती व मूल्यसंवर्द्धन के गुर सिखने के बाद शनिवार को देर शाम डीएओ के साथ कटिहार पहुंचे. सभी पच्चीस हुनरमंद किसान कोलकाता नीनफीट से पांच दिवसीय प्रशिक्षण के बाद अब जिले के अलग-अलग प्रखंडों के दूसरे किसानों को जूट से संबंधित गुर सिखायेंगे. इससे किसानों को जूट की खेती को लेकर जहां बढ़ावा मिलेगा. दूसरी ओर जूट के रेशों से अलग-अलग सामान बनाकर स्वावलंबी के साथ आर्थिक रूप से मजबूत होंगे. प्रशिक्षण समाप्ति के बाद कोलकाता से लौटे सभी किसानों के चेहरे पर उत्साह साफ झलक रही है. महिला किसान पूर्णिमा कुमारी ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान हैंडीक्राफ्ट तैयार करने की सीख दी गयी. इस दौरान वे खुद से जूट की राखी, पर्स, ज्वेलरी सहित कई तरह की सामानों को बनाने की कला में निपुण कराया गया. इन सभी सामानों को खुद से बनाने के बाद लगा कि उन्हें प्रशिक्षण दिया गया है. यह बेकार नहीं जायेगा. यहां से जाकर अपने प्रखंड के महिला किसानों को इससे अवगत करायेंगे. साथ ही उनलोगों को भी जूट से पर्स, राखी, ज्वेलरी व खिलौने बनाने की कला से अवगत करायेंगे. दलन पूरब पंचायत के किसान हरिशंकर चौधरी ने बताया कि कोलकाला नीनफीट में पांच दिवसीय प्रशक्षण के दौरान जूट की आधुनिक तरीके से खेती, ग्रेडिंग समेत कई तरह की नयी नयी जानकारी से अवगत हुए हैं. अब वे जूट की ग्रेडिंग खुद से कर सकते हैं. इससे वे अब जूट को औने- पौने दामों में नहीं बेचकर अच्छी कीमतों पर बेच सकते हैं. उन्होंने बताया कि अपने प्रखंड व पंचायत के किसानों को इन सभी कला से अवगत करायेंगे. साथ ही प्रेरित करेंगे कि जूट की खेती अब कम कीमत में कर अधिक मूल्य पर बेचा जा सकता है. उनलाेगों ने अपेक्षा जताया कि कृषि विभाग की ओर से नयी तकनीक के रूप में मशीन अपने जिले में उपलब्ध हो जाये तो जूट की ओर किसान एक बार फिर से झुकेंगे. साथ ही किसानों को अच्छी आमदनी हो सकती है. नयी तकनीक मशीन अपने जिले में हो किया जायेगा प्रयास कोलकाता नीनफीट में पांच दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान उन्होंने भी नये नये तकनीक मशीन का अवलोकन किये हैं. जहां पर सभी प्रशिक्षण लेने गये किसानों को इसके महत्वों से अवगत कराया गया. प्रशिक्षण प्राप्त किसान सभी अन्य किसानों को प्रशिक्षण देंगे. इससे किसानों की आय बढेगी साथ ही वे स्वालम्बी होंगे. नये तकनीक मशीन को लेकर विभाग को लिखा जायेगा. मशीन अपने जिले में आने से जूट की खेती करने वाले किसानों को काफी बल मिलेगा. मिथिलेश कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी, कटिहार
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