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39% लड़कियों की कम उम्र में होती है शादी, रिपोर्ट में खुलासा

सूरज गुप्ता, कटिहार : हर वर्ष 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है. देश के विभिन्न हिस्सों में इस दिवस के अवसर पर किशोरियों व बालिकाओं की शिक्षा, सुरक्षा एवं उसके सशक्तिकरण को लेकर विभिन्न तरह की गतिविधियों का आयोजन होता है. शुक्रवार को इस बार राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जायेगा. हालाकि बिहार […]

सूरज गुप्ता, कटिहार : हर वर्ष 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है. देश के विभिन्न हिस्सों में इस दिवस के अवसर पर किशोरियों व बालिकाओं की शिक्षा, सुरक्षा एवं उसके सशक्तिकरण को लेकर विभिन्न तरह की गतिविधियों का आयोजन होता है. शुक्रवार को इस बार राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जायेगा. हालाकि बिहार में बाल विवाह एवं लड़कियों से जुड़ी समस्याओं की कमी नहीं है. कई मोर्चे पर लड़कियां को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. यद्यपि हाल के वर्षों में काफी कुछ बदलाव हुआ है. इस बीच बाल विवाह के खिलाफ राज्य सरकार निर्णायक अभियान को शुरू हुए भी दो वर्ष से अधिक हो गया है.

दूसरी तरफ जिले में राज्य सरकार के तमाम दावों के बावजूद शैक्षणिक व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हो रहा है. जिले में माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह बदहाल है. जिले के अधिकांश माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों का भारी कमी है. माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में तो विज्ञान के शिक्षक का घोर अभाव है. अभी हाल ही में जिले के माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में स्मार्ट क्लास की शुरुआत की गयी है.
सरकार की ओर से इस पहल की प्रशंसा की जा रही है. पर शिक्षकों की कमी की वजह से जिले में स्मार्ट क्लास भी बेहतर तरीके से संचालित नहीं हो रही है. अधिकांश उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षक नहीं है. ऐसे में आठवीं कक्षा तक के छात्र-छात्राओं को पढ़ाने वाले शिक्षक ही स्मार्ट क्लास के नोडल शिक्षक बनाए गए है.
गौरतलब है कि कटिहार जिला सहित बिहार में अन्य दूसरे राज्यों की अपेक्षा बाल विवाह के अधिक मामले होते है. कटिहार जिले में करीब 40 प्रतिशत लड़कियों की शादी निर्धारित उम्र यानी 18 साल से कम में हो जाती है. नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे चार की रिपोर्ट में बाल विवाह की स्थिति साफ तौर पर दर्शाया गया है. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा 10 साल में नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे कराया जाता है. कमोवेश यही स्थिति बिहार की भी है.
माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षा बदहाल : शहर के मिरचाईबाड़ी स्थित हरिशंकर नायक उच्च माध्यमिक विद्यालय, जिला स्कूल कटिहार, सदानंद उच्च विद्यालय सहित जिले के विभिन्न उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में भी शिक्षकों की कमी है. इस तरह जिले के माध्यमिक व उच्च माध्यमिक 58 विद्यालय की स्थिति है. उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में 11वीं व 12वीं कक्षा के करीब 40 हजार छात्र-छात्राएं नामांकित है. 254 शिक्षक विभिन्न विद्यालयों में पदस्थापित है.
18 वर्ष से कम उम्र की लड़की की होती है शादी
पिछले वर्ष ही भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे- चार की रिपोर्ट जारी हुयी है. रिपोर्ट मानें तो कटिहार जिले में 38.6 प्रतिशत लड़की की शादी 18 साल से कम उम्र में कर दी जाती है. इसी रिपोर्ट के अनुसार 14.3 प्रतिशत लड़कियां 15 से19 वर्ष के उम्र में मां बन जाती है. जबकि एनएफएचएस- तीन में बाल विवाह बिहार में 60.3 प्रतिशत था. वहीं कटिहार में 43.7 प्रतिशत लड़कियों की शादी एक दशक पूर्व निर्धारित उम्र से कम में कर दी जाती थी.

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