कटिहार : कटिहार जैसे शहर में लाखों की लागत से बनाये गये बस स्टैंड से बसों का परिचालन नहीं होता है. यहां बस मालिक अपनी सुविधा के अनुसार बसों का परिचालन करा रहे हैं. इसमें जिला प्रशासन की भी मौन स्वीकृति है. मिरचाईबाड़ी अस्थायी बस स्टैंड से बसों का परिचालन होने के कारण बस मालिकों को तो फायदा हो रहा है, लेकिन यात्रियों को घोर परेशानी उठानी पड़ रही है. यहां यात्रियों के लिए किसी तरह की कोई व्यवस्था प्रशासन की ओर से नहीं की गयी है. धूप, बरसात के बीच यात्री बसों का इंतजार घंटों करते हैं.
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लाखों खर्च कर बनाया गया स्टैंड पड़ा है बेकार आज भी बसें मिरचाईबाड़ी से ही चलायी जा रहीं
कटिहार : कटिहार जैसे शहर में लाखों की लागत से बनाये गये बस स्टैंड से बसों का परिचालन नहीं होता है. यहां बस मालिक अपनी सुविधा के अनुसार बसों का परिचालन करा रहे हैं. इसमें जिला प्रशासन की भी मौन स्वीकृति है. मिरचाईबाड़ी अस्थायी बस स्टैंड से बसों का परिचालन होने के कारण बस मालिकों […]
महिला यात्रियाें को होती है ज्यादा परेशानी
महिलाओं को तो यहां से यात्रा करना किसी सजा से कम नहीं है. चूंकि शौचालय, बाथरूम तक की यहां व्यवस्था नहीं है. पेयजल के लिए यात्री इधर से उधर भटकते हैं. इतनी परेशानी से रोज सैकड़ों यात्री परेशान हो रहे हैं, लेकिन इस दिशा में न जिला प्रशासन का कोई ध्यान है न ही जनप्रतिनिधियों को कोई मतलब है. गौरतलब हो कि बस स्टैंड का परिचालन पूर्व में शहीद चौक के निकट से होता था.
लेकिन शहर के बीचों बीच बस स्टैंड होने के कारण हमेशा जाम की समस्या से लोगों को जूझना पड़ता था. इसी को देखते हुए जिला प्रशासन व निगम प्रशासन की पहल पर वर्ष 2016 के पहली अप्रैल से बस स्टैंड को अस्थायी रूप से मिरचाईबाड़ी पुस्तकालय के निकट से परिचालन की जाने लगी. उस वक्त कहा गया था कि उदामा रहिका में बस स्टैंड में भवन का निर्माण कराया जा रहा है. भवन निर्माण पूरा होते ही बसों का परिचालन शुरू करा दिया जायेगा.
हद तो यह है कि बस स्टैंड का उद्घाटन हुए तीन वर्ष बीत गये है. लेकिन बसों का परिचालन नये बस स्टैंड से शुरू नहीं कराया जा सका है. बस मालिकों का अपना तर्क है कि गौशाला रेलवे फाटक पर ओवर ब्रिज का निर्माण जब तक नहीं होता तब तक बसों का परिचालन नये बस स्टैंड से कराना संभव नहीं है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि वहां से बसों के जाम में फंसने से लेट होगा.
उनका तर्क कमोवेश सही भी है, लेकिन सवाल उठता है कि क्या बस स्टैंड की जमीन तलासी गयी थी, भवन निर्माण लाखों की लागत से कराया गया था उस वक्त प्रशानिक पदाधिकारियों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया था. यदि ध्यान नहीं दिया था तो यहां यह कहना गलत नहीं होगा कि बगैर किसी प्लानिंग के ही उदामा रहिका में बस स्टैंड का निर्माण करा दिया गया है. जिसका खामियाजा यात्रियों को भुगतने को विवश होना पड़ रहा है.
निगम प्रत्येक वर्ष बस स्टैंड के नाम पर लाखों का करता है डाक
यात्रियों को भले ही बहुत सारी दिक्कतों से जूझना पड़े लेकिन नगर निगम बस स्टैंड से प्रत्येक वर्ष लाखों रूपये राजस्व वसूल रही है. प्रत्येक वर्ष बस स्टैंड का डाक होता है. इसके एवज में निगम लाखों रूपया कमा रहा है. लेकिन यात्रियों को सुविधा मिले. इसकी उन्हें चिंता नहीं है.
मिरचाईबाड़ी अस्थायी बस स्टैंड की हालत यह है कि वहां से यात्रा करना बड़ी मुसीबत से कम नहीं है. कितनी बड़ी विडंबना है कि बस स्टैंड से कुछ ही दूरी पर डीएम बैठती हैं, उनका आना जाना इस ओर से लगा रहता है. लेकिन यात्रियों की परेशानी उन्हें नहीं दिखती है. यही स्थिति जनप्रतिनिधियों की भी है. सभी इस समस्या की ओर से आंखें मूंदे बैठे हुए हैं.
अस्थायी बस पड़ाव में यात्रियों के लिए नहीं है सुविधा
मिरचाईबाड़ी सहायक थाना के निकट स्थित अस्थाई बस पड़ाव में यात्रियों की सुविधाओं के लिए कोई भी व्यवस्था नहीं है. यात्री धूप में घंटों खड़े होकर अपने बस का इंतजार करते हैं. यहां न तो पेयजल और न ही शौचालय की व्यवस्था है. धूप से बचने के लिए शेड भी नहीं है. बस चालक अपने बसों को सड़क के किनारे दोनों और खड़ी कर देते हैं.
जिसके कारण कटिहार-मनिहारी मुख्य मार्ग पर हमेशा जाम की समस्या बनी रहती है. गौरतलब हो कि मिरचाईबाड़ी में नो इंट्री नहीं है. जिसके कारण बड़ी संख्या में लोडेड ट्रकों का आना जाना लगा रहता है. वहीं सड़क किनारे बस खड़ी रहने से भीषण जाम की समस्या खड़ी हो जाती है. दुर्घटना होने की भी आशंका बनी रहती है.
2016 में सीएम ने रिमोट से किया था उद्घाटन
शहरवासियों को जाम से मुक्ति दिलाने के लिए करोड़ों की लागत से नया बस स्टैंड का निर्माण कराया गया है. चार अप्रैल 2016 को सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रिमोट से इस नये बस स्टैंड का उद्घाटन पटना से किया था. जिसके बाद नगर निगम प्रशासन सभी बस मालिकों को इसी बस स्टैंड से बसों का परिचालन करने के लिए निर्देश दिया था.
लेकिन इस निर्देश को बस मालिक धता बताते हुए अस्थाई बस पड़ाव से ही अपना बस परिचालन चालू रखा है. जो वर्तमान में चालू ही है. इस नये बस स्टैंड में यात्रियों की सुविधा के हिसाब से सारी चीजे मुहैया है. लेकिन इस बस स्टैंड से बस का परिचालन नहीं होने से आज भी यह स्टैणड यात्रियों का बाट जोह रहा है.
अब नये बस स्टैंड में फेंका जा रहा कूड़ा
लाखों की लागत से बनाया गया बस स्टैंड से वाहनों का परिचालन तो शुरू नहीं हो सका लेकिन वहां कूड़ा डंप करने का स्थल जरूर बन गया है. नगर निगम क्षेत्र का जितने भी कचरे का उठाव होता है वहीं पर डंप किया जा रहा है. बस परिचालन कराने के नाम पर लाखों रूपये फूंक दिये गये वहां कूड़ा फेंका जा रहा है. स्थानीय लोगों को आशा थी कि जब यहां से बस सेवा परिचालन शुरू होगा तो क्षेत्र का विकास होगा. लेकिन प्रशासनिक लापरवाही के कारण सब सपना बनकर रह गया.
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