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फलका : हटवाड़ा पंचायत के बब्बन बाड़ी के दो युवक बदरे जहां एवं मो आसिफ के सड़क हादसे में मौत हो जाने पर बब्बन बाड़ी गांव में कोहराम मच गया. इस हादसे की खबर गांव में जैसे ही मिली पूरा गांव भरसिया सड़क पर उमड़ पड़ा. यह दिल दहलाने वाले हादसे ने सब को झकझोर […]

फलका : हटवाड़ा पंचायत के बब्बन बाड़ी के दो युवक बदरे जहां एवं मो आसिफ के सड़क हादसे में मौत हो जाने पर बब्बन बाड़ी गांव में कोहराम मच गया. इस हादसे की खबर गांव में जैसे ही मिली पूरा गांव भरसिया सड़क पर उमड़ पड़ा. यह दिल दहलाने वाले हादसे ने सब को झकझोर कर रख दिया. इस दोनों युवकों की मौत पर गांव के महिला पुरुष रो पड़े.

कई गांव के लोग घटना स्थल पर पहुंच कर बांस बल्ला एव अन्य सामग्री से फलका कोढ़ा सड़क मार्ग को जाम कर दिया. लोग इतने गुस्से में थे कि किसी का कुछ सुन नहीं रहे थे. इन लोगों ने छह घंटे तक जमकर बवाल काटा. एक भी वाहन को इधर से उधर नहीं जाने दिया. यातायात को एक दम बाधित कर दिया. सड़क जाम के दौरान कई बाइक सवार को उपद्रवियों ने जमकर पीटा. आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस बौना साबित हो रही थी.
गुस्साए लोगों ने बस को भी लाठी डंडे से तोड़ फोड़ किया. हालांकि अंचलाधिकारी रघुवंश कुमार, थानाध्यक्ष रूपक रंजन सिंह, उप मुखिया फंसी अहमद, समिति सदस्य प्रतिनिधि भूलन झा, जियाउल हक तफसील आलम ने काफी मशक्कत के बाद जाम को तोड़वाने में सफल हुए. बहरहाल मृतक युवकों का अभी शादी नही हुई थी. दोनों आपस में रिश्तेदार थे. परिजनों के चीत्कार से माहौल गमगीन हो गया था.
इस बीच श्री महाजन ने पांच दिन पूर्व 16 अप्रैल को एक आदेश जारी कर कहा है कि जल्द ही विद्यालय प्रधान छात्र-छात्राओं को पाठ्य पुस्तक खरीदने के लिए राशि ट्रांसफर करने का फिर से निर्देशित किया. पर अब तक विभाग के शीर्ष अधिकारी के आदेश का अनुपालन ग्राउंड स्तर पर नहीं हो रहा है. यह अलग बात है कि स्थानीय जिला कार्यालय ने अधिकांश बच्चों के खाते में राशि भेजने का दावा किया है.
अभिभावक को करनी पड़ रही है मशक्कत
विद्यालय शिक्षा समिति से बच्चों के खाते में राशि भेजने के लिए बैंक को एडवाइस भेजा गया है. पर बैंक इस मामले में पूरी तरह उदासीन दिखती है. स्थानीय एक अधिकारी और शिक्षक ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि बच्चों के खाते में राशि ट्रांसफर करने में बैंक दिलचस्पी नहीं लेती है. दूसरी तरफ जिन बच्चों के खाते में राशि भेजी गयी है.
उस राशि को उठाने में बच्चे तथा उसके अभिभावक को काफी मशक्कत करनी पड़ती है. 250 या 400 रुपया बैंक से निकालने के लिए अभिभावक। बच्चों को कई दिनों तक बैंक का चक्कर लगाना पड़ता है. इससे उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
392564 बच्चे बिना किताब के पढ़ रहे
बिहार शिक्षा परियोजना परिषद पटना की ओर से 554546 छात्र-छात्राओं के अधियाचना के विरुद्ध मार्च में 164437850 रुपया पाठ्यपुस्तक के लिए कटिहार जिला को प्राप्त हुआ. इस प्राप्त आवंटन के विरुद्ध 154110850 रुपया विद्यालय शिक्षा समिति के खाते में स्थानांतरित की गयी है. विद्यालय में कुल नामांकित 513652 छात्र-छात्राओं के विरुद्ध 475975 छात्र-छात्राओं के बैंक खाते में पाठ्यपुस्तक की राशि हस्तांतरित करने का दावा किया गया है.
बिहार शिक्षा परियोजना परिषद कटिहार की ओर से राज्य मुख्यालय को गत तीन जून को भेजे गए प्रतिवेदन पर भरोसा करें तो कुल 475975 छात्र-छात्राओं में से 121088 छात्र-छात्राओं के पास ही नई व पुरानी पुस्तक उपलब्ध है. यानी इस विभागीय रिपोर्ट के अनुसार अभी भी बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं पाठ्य पुस्तक से वंचित है. इस विभागीय प्रतिवेदन पर यकीन करें तो मात्र 115834 छात्र-छात्राओं ने ही नई पुस्तक खरीदी है.

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