कटिहार : एक दशक यूपीए सरकार के बाद वर्ष 2014 में देश का निजाम बदल गया. साथ ही कटिहार संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाला चेहरा भी इस दौरान बदल गया. पर करीब तीन दशक से अधर में लटका हुआ राष्ट्रीय राजमार्ग 81 का काम पूरा नहीं हो सका. आसन्न लोकसभा चुनाव मैं यह एक […]
कटिहार : एक दशक यूपीए सरकार के बाद वर्ष 2014 में देश का निजाम बदल गया. साथ ही कटिहार संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाला चेहरा भी इस दौरान बदल गया. पर करीब तीन दशक से अधर में लटका हुआ राष्ट्रीय राजमार्ग 81 का काम पूरा नहीं हो सका. आसन्न लोकसभा चुनाव मैं यह एक बड़ा मुद्दा उभर कर सामने आने वाला है.
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय उच्च पथ 31 व 34 को जोड़ने वाले एनएच-81 का निर्माण कार्य वर्षों बाद भी अधर में है. केंद्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्रालय अंतर्गत भारतीय राष्ट्रीय उच्च पथ प्राधिकरण द्वारा इस पथ का निर्माण कार्य मंत्रालय द्वारा अधिसूचित होने के बाद शुरू कराया गया.
पर वर्षों बाद भी एनएच-81 का काम पूरा नहीं हो सका है. एनएचएआइ के अनुसार, एनएच-81 का निर्माण कार्य 30 जून 2017 को ही पूरा हो जाना था. पर अब तक काम पूरा नहीं हुआ है. राष्ट्रीय उच्च पथ प्रमंडल पूर्णिया के अधिकारियों की मानें तो एनएच- 81 के लाभा के पास मात्र 600 मीटर पर काम बाधित है. जिसके वजह से इस एनएच का मामला अधर में लटका हुआ है. एनएच प्रमंडल के अधिकारी के अनुसार अभी एक सप्ताह पहले 600 मीटर काम को लेकर प्रस्ताव केंद्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्रालय के पास भेजा गया है. दरअसल इसी 600 मीटर पर जमीन अधिग्रहण का पेंच फंसा हुआ है.
मंत्रालय से स्वीकृति मिलने के बाद ही जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होगी तथा इस पर काम भी हो सकेगा. उल्लेखनीय है कि एनएच-31 व 34 को जोड़ने वाली एनएच-81 के बन जाने से कटिहार जिला सहित सीमांचल के कई जिले पश्चिम बंगाल से सड़क से सीधे जुड़ जायेंगे. अति महत्वपूर्ण इस परियोजना के अबतक पूरा नहीं होने के वजह से लोगों में आक्रोश भी है, जबकि स्थानीय जनप्रतिनिधि भी इस मामले में उदासीन दिख रहे हैं.
महज 600 मीटर की वजह से निर्माण कार्य अधूरा : राष्ट्रीय उच्च पथ प्रमंडल पूर्णिया के अधिकारियों की मानें तो महानंदा नदी के नीचे लाभा के समीप एनएच 81 में 600 मीटर भूमि अधिग्रहण का मामला फंसा हुआ है. अधिकारियों के अनुसार अभी हाल ही में भूमि अधिग्रहण के लिए एक प्रस्ताव केंद्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्रालय को भेजा गया है. प्रस्ताव के स्वीकृति मिलने के बाद ही भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होगी तथा 600 मीटर पर काम पूरा होगा.
उसके बाद ही राष्ट्रीय उच्च पथ 81 का काम पूरा हो जायेगा. हालांकि अभी प्राणपुर रेलवे स्टेशन के समीप फ्लाईओवर ब्रिज बनाने का काम भी काफी तेजी से किया जा रहा है. जबकि कई बार एनएच-81 का मामला संसद में भी गूंजा है. उसके बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है.
कहते हैं कार्यपालक अभियंता
राष्ट्रीय उच्च पथ के कार्यपालक अभियंता शैलेंद्र भारती ने बताया कि एनएच-81 का काम काफी तेजी से चल रहा है. महानंदा के समीप 600 मीटर भूमि अधिग्रहण को लेकर मामला फंसा हुआ है. केंद्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्रालय के पास उस भूमि अधिग्रहण का प्रस्ताव भेजा गया है. प्रस्ताव की स्वीकृति मिलने के बाद भूमि अधिग्रहण किया जायेगा तथा उसके बाद काम शुरू हो जायेगा. इसमें एक-दो माह भी लग सकता है. मंत्रालय से स्वीकृति पर निर्भर करेगा.