कटिहार : अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश त्वरित न्यायालय द्वितीय सुभाष चंद्र प्रसाद की अदालत ने मंगलवार को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के मामले में दोषी पाये गये रौतारा थाना क्षेत्र के बाहरखाल निवासी अभियुक्त पति प्रकाश यादव को सात वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनायी है. न्यायालय ने यह सजा भादवि की धारा 306 के तहत दोषी पाये जाने पर सुनायी. अभियुक्त को ₹10000 का अर्थदंड भी लगाया गया है.
अर्थदंड नहीं देने पर डेढ़ माह अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी. रौतारा थाने में दिये फर्द बयान में पोठिया के खोता गांव निवासी सुखारी यादव ने कहा था कि उसकी पुत्री सीता देवी की शादी बाबू लाल यादव के पुत्र प्रकाश यादव से हुई थी. शादी के बाद से ही उसके ससुराल वाले बराबर दहेज के लिए प्रताड़ित किया करते थे. दहेज के रूप में उसने ₹50000 अभियुक्त को दिया था. फिर भी अभियुक्त ट्रैक्टर खरीदने के लिए ₹10000 की अतिरिक्त मांग करने लगा.
रुपये नहीं लाने पर उसके ससुराल वाले तथा पति प्रकाश यादव उसकी पुत्री को बराबर प्रताड़ित किया करते थे. अंत में उसकी पुत्री सीता देवी ने फांसी लगाकर अपनी इह लीला समाप्त कर ली. इस सत्र बाद में अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक सरदार यशवंत सिंह ने कुल आठ गवाहों का न्यायालय में परीक्षण कराया.