भभुआ सदर. नगर पर्षद भभुआ का भगवानपुर प्रखंड के मसही गांव में स्थापित किया गया सैनेटरी लैंडफिल साइट को आखिरकार ग्रामीणों के भारी विरोध की वजह से बंद कर देना पड़ा. अब नगर पर्षद कूड़ा निस्तारण के लिए नये सिरे से पांच एकड़ जमीन तलाश रही है. फिलहाल नगर पर्षद पुनः पहले के ही भांति शहर के सुवरन नदी के किनारे, हवाई अड्डा के समीप, कुदरा बाईपास सड़क और अखलासपुर बस स्टैंड आदि जगहों पर कूड़ा गिरा रही है. चिंताजनक बात यह है कि सुवरन नदी, कुदरा बाईपास रोड में फेंके जा रहे शहर के कचरे में आग लगा दी जा रही है, जिसके चलते शहर का वातावरण प्रदूषित हो रहा है. लोगों का कहना भी था कि खेतों में पराली जलाने पर प्रशासन काफी सख्त कार्रवाई करती है, लेकिन शहर के चारों तरफ फेंके जा रहे कचरे और उसमें आग लगाये जाने से वातावरण प्रदूषित हो रहा है लेकिन प्रशासन की नजर इस गंभीर समस्या पर नहीं है. शहर से निकलने वाले कचरे को प्रत्येक दिन इन स्थानों पर फेंका जा रहा है और अपनी लापरवाही छुपाने के लिए उसमें आग लगा दिया जा रहा है. दरअसल, जिला प्रशासन के निर्देश पर शहर से प्रत्येक दिन निकलने वाले सैकड़ों टन कचरे का निस्तारण मसही में बने सैनेटरी लैंडफिल साइट पर किया जाना था, लेकिन जब सारी तैयारियों के बाद मसही में कचरा निस्तारण किया जाने लगा, तो मसही और आसपास के गांवों के ग्रामीणों द्वारा सड़क जाम करते हुए इसका विरोध किया था. ग्रामीणों के विरोध के बाद नगर पर्षद ने मसही लैंडफिल साइट पर कचरा भेजना बंद कर दिया. = प्रवेश रास्तों पर डंप कूड़ों से शहर की बन रही नकारात्मक छवि दरअसल, सफाई कर्मी शहर से कचरे का उठाव कर कहीं भी डंप कर देते है. उसमें से उठने वाली बदबू से परेशान लोग जब इसकी शिकायत करते हैं, तो वह कचरे में आग लगाकर उसे जला देता है. जबकि, कचरा रिसाइकिलिंग पीट का निर्माण 2019 में ही किया गया था. कुछ दिन कचरे से खाद भी बनी, लेकिन भारी अनियमितता की वजह से यह व्यवस्था फेल हो गयी. शहर से निकल रहे प्रतिदिन हजारों टन कचरे को नगर पर्षद शहर के प्रवेश द्वारों पर फेंक रही है, जिसके चलते शहर की एक नकारात्मक छवि भी बन रही है. फिलहाल शहर से निकल रहे कचरे को सुवरन नदी व हवाई अड्डा के समीप, गवई मुहल्ला के पीछे, अखलासपुर बस स्टैंड आदि जगहों पर फेंका जा रहा है. = पराली जलाने पर कार्रवाई, तो कूड़े में आग लगा देने पर क्यों नहीं? सुवरन नदी के समीप सड़क किनारे ही कूड़े डंप किये जाने के चलते वहा बने कर्पूरी ठाकुर छात्रावास के छात्रों द्वारा पूर्व में तो इस परेशानी की वजह से आक्रोशित होकर सड़क जाम तक किया जा चुका है. भभुआ-चैनपुर सड़क से प्रतिदिन आने जाने वाले पलका गांव निवासी विनोद सिंह, बेतरी गांव निवासी राम नारायण शर्मा आदि का कहना था कि सरकार और प्रशासन खेत में पराली जलाने पर किसानों पर कार्रवाई करती है, उन्हें सरकारी सुविधा से वंचित किया जा रहा है. लेकिन दूसरी तरफ नगर पर्षद खुले में कूड़ा भी फेंक रही है और उसमें आग भी लगा दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि प्रतिदिन कूड़ा लाकर नप द्वारा यही फेंक दिया जा रहा है और फेंकने के अलावा कूड़े को आग के हवाले भी कर दिया जा रहा, जिसके चलते गंदगी, दुर्गंध और कूड़े से उठते धुएं की घुटन से सांस लेना भी मुश्किल हो गया है. आखिर कूड़े में आग लगा देने पर अधिकारियों व कर्मचारियों पर क्यों नहीं कार्रवाई की जाती है. = बोले इओ नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी संजय उपाध्याय ने बताया कि ग्रामीणों के विरोध के चलते मसही में बनाया गया सेनेटरी लैंडफिल साइट को बंद करना पड़ा है. कचरा निस्तारण के लिए पांच एकड़ जमीन खोजी जा रही है, जल्द ही इस समस्या का समाधान किया जायेगा.
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