मोहनिया सदर. प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास सर्वेक्षण 2025 को पूरा करने में अब शेष 14 दिन ही रह गये हैं. सरकार द्वारा आवास सर्वेक्षण की अंतिम तिथि 31 मार्च 2025 सुनिश्चित की गयी है. यदि आवास सर्वेक्षण के आंकड़ों पर नजर डालें तो आवास सर्वेक्षण का कार्य सरकारी कर्मियों के अलावा कुछ लोगों द्वारा खुद भी किया जा रहा है, कहीं सेल्फ सर्वे द्वारा आवास सर्वेक्षण जीरो, तो कहीं इसका आंकड़ा तीन शतक के पार पहुंच चुका है. प्रखंड के पूर्वी सीमा पर नेशनल हाइवे 30 के बगल आमने-सामने अवस्थित प्रखंड की दो पंचायतें आवास सर्वेक्षण में मिसाल बनी हुई है. नेशनल हाइवे 30 के उत्तर अवस्थित प्रखंड की बढुपर पंचायत में जहां सेल्फ सर्वे का आंकड़ा शून्य है व कर्मी द्वारा नौ अंक की बढ़त बनाते हुए 319 व्यक्तियों का नाम सर्वेक्षण सूची में अंकित किया गया है. इस तरह आवास सर्वेक्षण में कटराकलां पंचायत प्रखंड में सर्वाधिक 629 लोगों का नाम दर्ज कर सर्वेक्षण सूची में सबसे ऊपर है. प्रखंड की 18 पंचायत में कुल 7806 व्यक्तियों का नाम सर्वेक्षण सूची में दर्ज किया गया है, जिसमें सेल्फ सर्वे 629 व कर्मियों द्वारा 7177 व्यक्तियों का नाम सर्वेक्षण सूची में दर्ज किया गया है. वहीं, प्रखंड की कटराकला पंचायत में मुखिया सीमा देवी उनके पति कमलेश तिवारी उनके पुत्र अभिलाष तिवारी व आवास सहायक प्रवीण कुमार राय के बीच उत्पन्न नाक की लड़ाई के बाद भी कटराकलां पंचायत आवास सर्वेक्षण में प्रखंड की शेष सभी 17 पंचायतों को पीछे छोड़ दिया है. यहां लोगों द्वारा 310 स्वयं सर्वे किया गया है व आवास सहायक द्वारा 319 सर्वे के साथ दोनों आंकड़े 629 हैं, इस तरह कटराकलां पंचायत अन्य पंचायतों को पीछे धकेल दिया है. कहीं सेल्फ सर्वे न बन जाये परेशानियों का सबब भले ही कुछ आम लोगों द्वारा स्वयं आवास सर्वेक्षण कर लोगों का नाम जोड़ने का कार्य किया जा रहा है, लेकिन इस अटल सत्य से इनकार नहीं किया जा सकता है कि जिनका नाम सेल्फ सर्वे द्वारा सर्वेक्षण सूची में अंकित किया गया है उनको आवास योजना का लाभ तभी मिलेगा, जब संबंधित पंचायत में आवास सर्वेक्षण करने वाले कर्मी द्वारा उस सूची का भौतिक सत्यापन कर स्वीकृति दिया जायेगा, अन्यथा किये गये सभी सेल्फ सर्वे हाथी का दांत बनकर रह जा सकते हैं. आज भले ही सेल्फ सर्वे किया जा रहा है लेकिन कुछ जानकारों की माने तो आने वाले समय में यह कहीं परेशानियों का सबब भी बन सकता है. क्योंकि, प्रायः सेल्फ सर्वे करने वाले लोग अपने निजी स्वार्थ के लिए अयोग्य व्यक्तियों का नाम भी सर्वेक्षण सूची में जोड़ सकते है. साथ ही यह भी संभव है उससे कहीं अधिक उन गरीब व निरीह लोगों को भी प्राथमिकता देंगे, जिनकी तरफ कर्मियों की नजरें कभी जाती ही नहीं है. # आखिर क्यों पड़ रही सेल्फ सर्वे की जरूरत इस हकीकत से मुंह नहीं मोड़ा जा सकता है कि अभी भी बहुत से ऐसे गरीब व निरीह व्यक्ति पंचायतों में मिट्टी व फूस के घरों में गुजर बसर सिर्फ इसलिए कर रहे है क्योंकि सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए उनकी झोली में कुछ भी नहीं है, जिसे नजराना स्वरूप पेश कर कुछ सरकारी तंत्रों को खुश कर सकें जिससे हाकिमों की दया दृष्टि उन पर बन सके. कुछ ऐसी ही संभावनाओं ने आवास सर्वेक्षण 2025 में सेल्फ सर्वे की आवश्यकता को जन्म दिया, यदि पूरी ईमानदारी से योग्य व्यक्तियों का चयन आवास योजना के लिए किया गया होता तो शायद दिनों दिन ऐसे व्यक्तियों की संख्या में इजाफा नहीं होता, बल्कि इस संख्या में गिरावट दर्ज किया जाता. हालांकि इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि इस सेल्फ सर्वे की आड़ में कुछ लोग गरीबों से अवैध वसूली भी कर रहे हैं, फिलहाल आने वाला समय यह तय करेगा कि कौन कितना सही है. # आंकड़ों पर एक नजर पंचायत सेल्फ कर्मी कुल अकोढ़ी 33 383 416 अकोढ़ीमेला 14 487 501 अमेठ 07 422 429 बघिनी 09 375 384 बम्हौरखास 14 422 436 बढुपर 00 409 409 बेलौड़ी 15 414 429 भरखर 09 321 330 भिट्टी 101 349 450 भोखरी 61 385 446 दादर 11 383 394 डंडवास 10 297 307 कठेज 01 480 481 कटराकला 310 319 629 मुजान 10 473 483 पानापुर 17 534 551 शहबाजपुर 03 406 409 उसरी 04 318 322
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