भभुआ सदर. किसी भी जेल के अंदर खाली समय काटना बंदियों के लिए सबसे कठिन काम होता है. विचाराधीन बंदियों के लिए यह समस्या तो और भी ज्यादा बढ़ जाती है, क्योंकि उन पर किसी काम को करने का कोई दबाव भी नहीं होता और जेल में उनकी अवधि भी निश्चित नहीं होती. लेकिन, मंडलकारा भभुआ में पिछले 26 फरवरी से शुरू हुए मन की बात और रेडियो दोस्ती सहित दूरस्थ शिक्षा इग्नू के माध्यम से भभुआ मंडलकारा में बंद 20 महिला सहित 580 पुरुष बंदियों को शिक्षित करते हुए उनमें सामाजिक बदलाव लाया जा रहा है. बंदी जेल अधिकारियों से मन की बात और रेडियो दोस्ती के माध्यम से शिक्षा, रोजगारपरक जानकारी के अलावा कानूनी सहायता, आधुनिक खेती, मछली पालन सहित अन्य जानकारियां हासिल कर रहे है. भभुआ मंडलकारा में बंदियों से अधिकारियों के मन की बात और रेडियो दोस्ती के शुरू होने से बंदियों में एक सकारात्मक माहौल पैदा हुआ है और उनके निराशा व कुंठा में कमी आयी है. मंडलकारा में रेडियो दोस्ती के माध्यम से गीत संगीत के अलावा जरूरी सूचनाएं व जानकारियां बंदियों को मिलती रहती है. मनोरंजन के अलावा बीच-बीच में जेल के नियम, अपराध को धाराओं, समस्याओं की जानकारी, बंदियों को जेल में मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी, मुलाकात की जानकारी आदि की भी जानकारी जेल प्रशासन के माध्यम से दी जाती है. इसके अलावा जेल रेडियो के माध्यम से ही समय-समय पर वक्ता आकर बंदियों को अच्छे काम करने के लिए प्रेरित भी करते हैं. = भजन से होती है मंडलकारा में दिन की शुरुआत जेल अधीक्षक संदीप कुमार के अनुसार, मंडलकारा भभुआ में शुरू हुए मन की बात और रेडियो दोस्ती को लेकर एक स्टूडियो बनाया गया है, जहां से सेंट्रलाइज्ड कार्यक्रम का प्रसारण किया जाता है. इसमें हर दिन शुरुआत भजन से होती है. इसके बाद बारी बारी से परिचर्चा, समाचार और अन्य कार्यक्रम शुरू होते है. मंडलकारा में रेडियो दोस्ती एफएम रेडियो की तरह ही काम करता है और इसकी परिधि पूरा कारामंडल है. प्रत्येक दिन सुबह से ही तय समय पर इसके प्रोग्राम शुरू हो जाते है. प्रतिदिन इसमें भजन, गीत संगीत, म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट का कार्यक्रम, ज्ञानवर्धक जानकारियां या जो बंदी अपनी कुछ रोचक जानकारी अन्य बंदियों तक पहुंचना चाहते है, वह इस रेडियो दोस्ती के माध्यम से पहुंचाया जाता है. इसके अलावा रेडियो दोस्ती पर पीएम और सीएम के संबोधन, कानूनी सहायता की जानकारी के अलावा स्वयं की साफ सफाई की जानकारियां भी दी जाती हैं. आरएसइटीआइ ने 27 बंदियों को किया है प्रशिक्षित कारामुक्ति के उपरांत समाज की मुख्यधारा में जुड़ने, जीविकोपार्जन और स्वरोजगार सृजन के उद्देश्य से मंडलकारा भभुआ के 27 बंदियों को पंजाब नेशनल बैंक के आरएसइटीआइ ने 13 दिवसीय प्रशिक्षण भी दिया है, जिसके अंतर्गत बंदियों को कृषि का वर्तमान परिप्रेक्ष्य व भविष्य, कृषि को उद्यम से जोडना, संरक्षित कृषि प्रणाली जिसमें उत्पादन सुरक्षित रहें, सुनियोजित कृषि प्रणाली, मछली पालन, पोस्ट हार्वेस्टिंग और फूड प्रोसेसिंग आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गयी. प्रशिक्षण के बाद सभी बंदियों को प्रमाणपत्र दिया गया, ताकि वह कारा मुक्ति के बाद रोजगार सृजन और जीविकोपार्जन के लिए पीएनबी आरएसइटीआइ से ऋण उपलब्धता हेतु आवेदन कर सकते है व स्वरोजगार प्राप्त कर सकते है. मंडलकारा के 100 बंदी इग्नू से कर रहे पढ़ाई भभुआ मंडलकारा के जेल अधीक्षक संदीप कुमार ने बताया भभुआ मंडल कारा में सभी बंदियों को मन की बात और रेडियो दोस्ती के माध्यम से शिक्षा के प्रति जागरूक किया जा रहा है. फिलहाल जेल में दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम के तहत लगभग 100 बंदी इग्नू से पढ़ाई कर रहे हैं. कई बंदी उपलब्ध कराये जा रहे सहयोग के माध्यम से बीपीएससी और सिपाही भर्ती आदि की परीक्षा की तैयारी भी कर रहे हैं. इसके अलावा मन की बात बंदियों के बीच सकारात्मक माहौल बनाये रखने में काफी अहम भूमिका निभा रही है और देखा जा रहा है कि जब से इसकी शुरुआत हुई है बंदी काफी शांतचित्त और प्रसन्न भी रहते हैं. साथ ही मन की बात कार्यक्रम के माध्यम से अपने अतीत और भविष्य की जानकारी देने के साथ सकारात्मक सोच के साथ अपने भविष्य निर्माण के लिए उत्सुक दिख रहे हैं.
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