एसपी ने एडीजी (सीआइडी) को लिखा पत्र
तीन महीने में पूरी करनी है 255 राइस मिलरों पर दर्ज मामलों की जांच
भभुआ कार्यालय : कैमूर जिले में चावल गबन के मामले में 255 राइस मिलरों पर केस दर्ज किये गये हैं. सुप्रीम कोर्ट ने राइस मिलरों पर दर्ज मामलों की जांच तीन महीने में पूरी करने का निर्देश बिहार पुलिस को दिया है. लेकिन, तीन महीने में जांच पूरी करना जिला पुलिस के लिए मुमकिन नहीं है. एसपी ने इस आशय को लेकर पत्र लिख कर अतिरिक्त 60 पुलिस पदाधिकारी देने को कहा है.
सीआइडी के एडीजी ने सभी एसपी व एएसपी को पत्र जारी कर कहा है कि हर हाल में राइस मिलरों के केस की जांच तीन महीने में पूरी कर लेनी है. इसके लिए अनुसंधान करनेवाले एक पुलिस अधिकारी को पांच से ज्यादा केस नहीं देना है. साथ ही जिन पुलिस अधिकारियों पर कोई कार्रवाई चल रही है या दंडित किये गये हैं, उन्हें भी अनुसंधान में नहीं लगाना है.
एसपी हरप्रीत कौर ने न्यायालय के आदेश के तहत जांच को तीन महीने में पूरी करने के लिए 60 और पुलिस पदाधिकारियों की मांग की है. कैमूर एसपी ने एडीजी सीआइडी को लिखे अपने पत्र में कहा है कि कैमूर जिले में कुल 1265 कांड लंबित हैं. जिनमें से 974 विशेष कांड हैं.
इन 974 केसों में 255 केस राइस मिल के संचालकों के खिलाफ है.
92 अवर निरीक्षक ही उपलब्ध : उन्होंने पत्र में लिखा है कि जिले में 163 पुलिस अवर निरीक्षकों का पद स्वीकृत है, जिनमें महज 92 पुलिस अवर निरीक्षक ही उपलब्ध हैं. 92 में से 41 पुलिस अवर निरीक्षक प्रोन्नति से और 51 सीधे नियुक्त हैं. इनमें से 21 पुलिस अवर निरीक्षक पुलिस अधीक्षक के कार्यालय व विभिन्न जगहों पर पदस्थापित हैं.थानों में पदस्थापित हैं महज 71 पुलिस अधिकारी : पत्र में कहा गया है कि 71 पुलिस अधिकारी ही थानों में पदस्थापित हैं.
ऐसे में एक पुलिस पदाधिकारी को अगर पांच-पांच केस जांच के लिए दिये जाते हैं, तो 71 में से 55 पुलिस अधिकारी राइस मिलरों की जांच में लग जायेंगे. ऐसे में 719 अन्य मामलों की जांच के लिए 16 पुलिस पदाधिकारी ही बचेंगे. उनके लिए इतने मामलों की जांच करना संभव नहीं हो पायेगा. उन्होंने मामलों की जांच के लिए 60 और पुलिसकर्मियों की मांग की है.