भभुआ (सदर) : चार जून को सुहाग रक्षा का प्रमुख पर्व वट सावित्री है. इसको लेकर शहर में पूजन सामग्री की दुकानें सजने लगी हैं. इस दिन शहर सहित पूरे जिले की महिलाएं अपने पति की रक्षा और लंबी आयु की कामना करते हुए व्रत रख कर बरगद पेड़ की पूजा करती हैं और कथा सुन कर प्रसाद चढ़ाती हैं. पूरे जिले में यह प्रथा पौराणिक काल से चली आ रही है. इसमें हर जाति, वर्ग की महिलाएं सज धज कर लोक गीत गाते हुए बरगद पेड़ तक जाती हैं
और इस पर जल,पुष्प, अक्षत अर्पित कर लाल पीले धागे तीन बार लपेट कर गौरी पूजा करेंगी. कथा सुनने के पश्चात प्रसाद चढ़ा कर घर वापस आयेंगी हैं. इस पर्व में महिलाएं सज धज कर टोकरी में मिट्टी के वर्तन में धान का लावा, उड़द के बेसन का बरमाला, बांस की सजी डोलची, कपड़े का बना हुआ वर, बांस का पंखा सहित आम, लीची, केला सहित पांच पके मौसमी फल, फूल, अक्षत, लाल,पीला धागा आदि लेकर वट वृक्ष की पूजा करती हैं.