अरवल. बड़की नहर का आरसीसी दीवार टूट जाने से पानी बाहर निकलकर सोन नदी में बह जा रहा है. इस कारण नहर से जुड़े छह गांवों के करीब 2000 एकड़ खेतों में धान की फसल सूखने के कगार पर है. स्थानीय किसानों ने मिट्टी व बालू भरे बोरे डालकर अस्थायी रूप से करहा को चालू किया है, लेकिन स्थायी समाधान न होने से फसल पर संकट मंडरा रहा है. किसान बंसलाल पासवान, छोटू पासवान, टुन्नू पासवान, डब्लू पासवान, सूदय राम व विनय सिंह का कहना है कि कई बार गुहार लगाने के बावजूद सिंचाई विभाग ने मरम्मत नहीं करायी. धान की रोपाई पूरी हो चुकी है और खेत में लगाया गया लाखों रुपये का पूंजी डूबने की कगार पर है. मुख्य सोन कैनाल के पश्चिमी छोर पर स्थित बड़की नहर का करीब 100 मीटर दीवार टूट गया है. यह जगह सिंचाई विभाग के कार्यालय से महज 200 मीटर की दूरी पर है. नहर पांच किलोमीटर लंबी है, जिससे अहियापुर, बिकू बिगहा, तिवारी बिगहा, मदन सिंह का टोला और जीतन छपरा सहित छह गांवों के खेतों की सिंचाई होती है. किसानों में सूखे का डर : नहर का पानी बंद होने से गांवों में सूखे की आशंका बढ़ गयी है. किसानों ने बताया कि अस्थायी व्यवस्था से ज्यादा दिन तक खेतों की सिंचाई संभव नहीं है.
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